"कन्हैया गीत": अवतरणों में अंतर

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== मेडिया ==
कन्हैया गीतों को बहुत सारे एक निश्चित प्रारूप में लोग एक घेरा बनाकर गाते हैं ,इन को निर्देश देने के लिए बीच में कुछ मुख्य कलाकार खड़े रहते हैं ,जिनको '''मेडिया''' कहा जाता हैं।ये मुख्य कलाकार होते हैं जो गीत के बीच में '''बोल ''' देते हैं और गीत के प्रवाह को तय करते हैं। सामान्यतया एक पार्टी में 2 मेडिया होते हैं जो बारी बारी से बोल उठाकर अपनी तरफ के लोगो को गीत के प्रवाह से जोड़ते हैं। <br/>
'''बोल ''' गीत की वो कड़ी हैं जिसके माध्यम से मेडिया अपने गीत के प्रसंग को श्रोताओ को समझाता हैं।येहैं। ये या तो पद्य रूप में बताये जाते हैं, या फिर साधारण बोलकर ,बोलकर। इनके बिना गीत की दिशा को नही जाना जा सकता और इनको मेडिया द्वारा ही गाया जाता हैं। <br/>
मेडिया इनके अलावा इन गीतों के आयोजन , गाने वालो को सिखाने , उनके एकत्रितीकरण का इंतजाम करता हैं ,इस प्रकार उसकी भूमिका इनमे एक मार्गदर्शक के रूप में उभरती हैं और वो सम्मान का हकदार बन जाता हैं ,इसलिए दूसरे कलाकार भी मेडिया बनने के लिए संघर्षरत रहते हैं। इनका चयन कलाकारों को करना चाहिए परन्तु गांव के [[पंच-पटेल]] कई बार इनका चयन करते हैं जिसमे वो पक्षपाती जैसी चीजे ले आते हैं जिसका नतीजा कलाकारों की अरुचि के रूप में सामने आता हैं और गीतों का पतन जैसी चीजे सामने आ जाती हैं।
 
== कन्हैया दंगल maidaan ==