"कन्हैया गीत": अवतरणों में अंतर

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मेडिया इनके अलावा इन गीतों के आयोजन , गाने वालो को सिखाने , उनके एकत्रितीकरण का इंतजाम करता हैं ,इस प्रकार उसकी भूमिका इनमे एक मार्गदर्शक के रूप में उभरती हैं और वो सम्मान का हकदार बन जाता हैं ,इसलिए दूसरे कलाकार भी मेडिया बनने के लिए संघर्षरत रहते हैं। इनका चयन कलाकारों को करना चाहिए परन्तु गांव के [[पंच-पटेल]] कई बार इनका चयन करते हैं जिसमे वो पक्षपाती जैसी चीजे ले आते हैं जिसका नतीजा कलाकारों की अरुचि के रूप में सामने आता हैं और गीतों का पतन जैसी चीजे सामने आ जाती हैं।
 
== कन्हैया दंगल maidaanमैदान ==
इन गीतों को गाने के तरीके की वजह से देखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं ,और जब ढंग से नही दिख पाता तो लोग-बाग सुनने में भी रूचि नही लेते हैं। इस कारण ये केवल बड़े-बूढो के गीत बनकर रह गए हैं और युवाओ की इनमे रूचि ख़त्म होती जा रही हैं। इनके सही ढंग से देखने के लिए अपेक्षाकृत उँची जगह की आवश्यकता होती हैं, जो चारो तरफ से होनी चाहिए। कई गांव तो आयोजन से इस्सलिये कतराते हैं की लोग-बाग कहाँ से देखेंगे।
 
 
== प्रमुख गीत ==