"हदीस": अवतरणों में अंतर
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== परिचय ==
इस्लाम के मूल ग्रंथ क़ुरआन में अधिकतर विषयों पर जो आदेश-निर्देश, सिद्धांत, नियम, क़ानून, शिक्षाएँ, पिछली क़ौमों के वृत्तांत, रसूलों के आह्नान और सृष्टि व समाज से संबंधित बातों तथा एकेश्वरत्व के तर्क, अनेकेश्वरत्व के खंडन और परलोक-जीवन आदि की चर्चा हुई है, वह संक्षेप में है। इन सब की विस्तृत व्याख्या का दायित्व इस्लाम के अनुसार ईश्वर ने पैग़म्बर पर रखा।
== हदीसों का प्रसार ==
इस्लाम का हज़रत मुहम्मद के रसूल बनने के साथ उसके विशुद्ध रूप में जब पुनः आगमन हुआ, उससे पहले के धर्म-ग्रथों में जो विकार आ गया था, उसके कई कारणों में से एक यह भी था कि ईश-वाणी, रसूल के कथन और दूसरे इन्सानों व धर्माचार्यों, उपदेशकों, वाचकों, सुधारकों और धर्मविदों आदि के कथन भी आपस में मिल-जुल गए; ईशवाणी और मनुष्य-वाणी के मिश्रण में, मूल ईश-ग्रंथ कितना है और इसके अंश कौन-कौन से हैं, यह जान सकना असंभव हो गया। पैग़म्बर के साथी हज़रत अबू सलमा की बयान की गई हदीस के मुताबिक़ आप ने हदीस-वर्णनकर्ताओं को सख़्त चेतावनी दी थी कि ‘‘जो व्यक्ति मुझ से संबंध लगाकर वह बात कहे जो मैंने नहीं कही, वह अपना ठिकाना जहन्नम (नर्क) में
* हदीस-संग्रह : हदीस के निम्नलिखित छः विश्वसनीय संग्रह हैं जिनमें 29,578 हदीसें संग्रहित हैं :
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== हदीस साहित्य ==
हदीसों के संग्रह
== सन्दर्भ ==
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