"महासागरीय धारायें": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Corrientes-oceanicas.gifpng|300px|thumb|right|विश्व की प्रमुख महासागरीय धाराएं]]
[[महासागर]] के [[जल]] के सतत एवं निर्देष्ट दिशा वाले प्रवाह को '''महासागरीय धारा''' कहते हैं। वस्तुतः महासागरीय धाराएं, महासागरों के अन्दर बहने वाली उष्ण या शीतल नदियाँ हैं। प्रायः ये भ्रांति होती है कि महासागरों में जल स्थिर रहता है, किन्तु वास्तव मे ऐसा नही होता है। महासागर का जल निरंतर एक नियमित गति से बहता रहता है और इन धाराओं के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं। प्राकृतिक धारा में प्रमुख अपवहन धारा (''ड्रिफ्ट करंट'') एवं ''स्ट्रीम करंट'' होती हैं।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-126670.html महासागरीय तरंगें]। ५ जुलाई २०१०। ह्न्दुस्तान लाइव।</ref> एक स्ट्रीम करंट की कुछ सीमाएं होती हैं, जबकि अपवहन धारा करंट के बहाव की कोई विशिष्ट सीमा नहीं होती। पृथ्वी पर रेगिस्तानों का निर्माण जलवायु के परिवर्तन के कारण होता है। उच्च दाब के क्षेत्र एवं ठंडी महासागरीय जल धाराएं ही वे प्राकृतिक घटनाएं हैं, जिनकी क्रियाओं के फलस्वरूप सैकड़ों वर्षों के बाद रेगिस्तान बनते हैं।<ref>[http://sb.samwaad.com/2009/05/blog-post_08.html कैसे बनते हैं रेगिस्तान?]। साइंस ब्‍लॉगर्स असोसिएशन। मनीष मोहन गोरे। ८ मई २०१०</ref>