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'''ताम्र''' या '''तांबा''' या एक भौतिक तत्त्व है। इसका संकेत '''ता''' (Cu) (अंग्रेज़ी - [[Copper]]) है। इसकी परमाणु संख्या 29 और परमाणु भार 63.5 है। यह एक तन्य धातु है जिसका प्रयोग विद्युत के चालक के रूप में प्रधानता से किया जाता है।
 
मानव सभ्यता के इतिहास में तांबातांबे का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि प्राचीन काल में मानव द्वारा सबसे पहले प्रयुक्त धातुओं और मिश्रधातुओं में तांबा और कांसे (जोकिजो तांबाकि तांबे और टिन से मिलकर बनता है) का नाम आता है।
 
== समस्थानिक ==
कम क्षयशील समस्थानिक 63 तथा 65 के अलावा तांबे के कोई 2 दर्जन समस्थानिक हैं जो क्षयशील (रेडियोसमस्थानिक) हैं।
== गुण ==
ताम्र धातु विद्युत तथा उष्मीउष्मा का सुचालक है। इस सुचालकता की श्रेणी में यह चांदीचाँदी के बाद दूसरे क्रम पर आता है। इसमें एक लालिमा जैसी चमक होती है। यह सामान्यतयासामान्यतः जल से अभिक्रिया नहीं करता है पर वायव्य जारक से धीरे धीरे संयोग कर ऑक्साईड बनाता है। लेकिन लोहे में जंग लगने से बिल्कुल अलग इसका ऑक्साईड धातु के ऊपर एक परत बनाता है जो इसके और ऑक्सीकरण को रोकता है। यह परत स्टैट्यूस्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी (न्यूयॉर्क) पर भी देखी जा सकती है।
== निष्कर्षण ==
तांबे के प्रमुख अयस्कों में ताम्र ग्लांस (Cu<sub>2</sub>S), ताम्र पाइराइट्स (CuFeS<sub>2</sub>), क्यूप्राइट (Cu<sub>2</sub>O) तथा मैकेलाईट (Cu(OH)<sub>2</sub>.CuCO<sub>3</sub>) के नाम आते हैं। पहले फेन प्लावन विधि से अयस्क का सांद्रण कर लिया जाता है। सांद्रित अयस्क को महीन चूर्ण करके ुसेउसे एक परवर्तनी भट्ठी में वायु प्रवाह की उपस्थिति में भर्जित करते हैं। इस प्रक्रिया द्वारा क्यूप्रस सल्फाईड (Cu<sub>2</sub>S) और फेरस सल्फाईड (FeS) का मिश्रण प्राप्त होता है। अशुद्धियाँ आक्सीकृत होकर निल जाती हैं।
 
इसके बाद इसे कोक के साथ वात्या भट्ठी में गर्म करते हैं जिससे फेरस सल्फाईड फेरस ऑक्साईड बनाता है तथा सिलिका के साथ अभिक्रिया करके धातुमल (फेरस सिलिकेट) बनाता हुआ निकल जाता है। इसके बाद इस को एक भट्ठी में गर्म करते हैं तो ताम्र के सल्फाईड पहले आक्साइड में बदल जाते हैं तथा फिर बचे हुए सल्फाइड से अभिक्रिया करके सल्फर डाई ऑक्साईड तथा ताम्र देते हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ताम्र" से प्राप्त