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{{हिन्दू धर्म सूचना मंजूषा}}
 
'''नाग स्तोत्र''' नाग देवताओ के सात अवतारो को सम्बोधन करने के उद्देश्य से रचित है, इस स्तोत्र में विभिन्न नाग देवताओ के नाम के साथ स्तुति कर भक्त नाग देवो को प्रसन्न करता है, क्योकि यहि वो निम्नलिखित नागो के नाम है जो इस पृथ्वी के भार को अपने मणि पर ग्रहण किये हुए है ।है। इसलिये ये हमारा परम् कर्तव्य है की हम नाग देवता को इस स्तोत्र के माध्यम से उनका धन्यवाद करे ।
 
==स्तोत्र==
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*[[श्री संकटनाशनं गणेश स्तोत्र]]
*[[द्वादशज्योतिर्लिंग]]
 
[[श्रेणी: हिन्दू धर्म]]