"युग वर्णन": अवतरणों में अंतर
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14:42, 7 दिसम्बर 2014 का अवतरण
युग का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। उदाहरणः कलियुग, द्वापर, सत्युग, त्रेतायुग आदि । युग वर्णन का अर्थ होता है की उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊचाई एवं उनमे होने वाले अवतारो के बारे में बिस्तार से परिचय दे ।
प्रत्येक युग के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है :
सतयुग
- पुर्ण आयु - १७,२८,०००
- मनुष्य की आयु - १.००,०००
- लम्बाई - ३२ फिट (लगभग) [ २१ हाथ ]
- तीर्थ -पुष्कर
- पाप - ० विश्वा
- पुण्य - २० विश्वा
- अवतार – मत्स्य, कूर्म, वाराह, नृसिंह ( सभी अमानवीय अवतार हुए )
- कारण – शंखासुर का वध एंव वेदो का उद्धार,पृथ्वी का भार हरण, हरिण्याक्ष दैत्य का वध, हिरण्यकश्यपु का वध एंव प्रह्लाद को सुख देने के लिए ।
- मुद्रा – रत्नमय
- पात्र – स्वर्ण का