"युग वर्णन": अवतरणों में अंतर
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'''युग''' का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। उदाहरणः [[कलियुग]], [[द्वापर]], [[सत्य युग|सत्ययुग]], [[त्रेतायुग]] आदि । '''युग वर्णन''' का अर्थ होता है की उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन, आयु, ऊचाई होता है एवं उनमे होने वाले अवतारो के बारे में बिस्तार से परिचय दे ।
प्रत्येक [[युग]] के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है :
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*[[पाप]] - ० विश्वा
*[[पुण्य]] - २० विश्वा
*[[अवतार]] – [[मत्स्य]], [[कूर्मावतार|कूर्म]], [[वाराह]], [[नृसिंह]] ( सभी अमानवीय अवतार हुए )
*कारण – शंखासुर का वध एंव वेदो का उद्धार,पृथ्वी का भार हरण, [[हरिण्याक्ष]] दैत्य का वध, [[हिरण्यकश्यपु]] का वध एंव प्रह्लाद को सुख देने के लिए ।
*मुद्रा – [[रत्न|रत्नमय]]
*पात्र – [[स्वर्ण]] का
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