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[[चित्र:Ir girl.png|thumb|right|250px|दो व्यक्तियों की मध्य अधोरक्त (तापीय) प्रकाश में छाया चित्र]]
'''अवरक्त किरणें''', '''अधोरक्त किरणें''' या '''इन्फ़्रारॅड''' एक प्रकार का वह [[विद्युत चुम्बकीय विकिरण]] है जिसका [[तरंग दैर्घ्य]] (वेवलॅन्थवेवलेन्थ) [[प्रत्यक्ष प्रकाश]] से बड़ा हो एवं [[सूक्ष्म तरंग]] से कम हो। इसका नाम 'अधोरक्त' इसलिए है क्योंकि [[विद्युत चुम्बकीय तरंग]] के [[वर्णक्रम]] (स्पॅक्ट्रमस्पेक्ट्रम) में यह मानव द्वारा दर्शन योग्य [[लाल]] वर्ण से नीचे (या अध:) होती है। इसका तरंग दैर्घ्य 750&nbsp;[[Nanometre|nm]] and 1&nbsp;[[millimetre|mm]] के बीच होता है। सामान्य शारिरिक तापमान पर मानव शरीर 10 माइक्रॉन की अधोरक्त तरंग प्रकाशित कर सकता है।<ref>{{cite web | author = Dr. S. C. Liew | url = http://www.crisp.nus.edu.sg/~research/tutorial/em.htm | title = Electromagnetic Waves | publisher = Centre for Remote Imaging, Sensing and Processing | language = English | accessdate = 2006-10-27 }}</ref>
 
== प्रयोग ==
[[अवरक्त छायांकन]] प्रायः सामरिक एवं नागरिक, दोनों ही उद्देश्यों से किया जाता है।
 
=== सामरिक प्रयोग ===