"स्मारक": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:GR-acropolis-parthenon.jpg|thumb|left|250px|पार्थेनोन को प्राचीन ग्रीस और अथीनियान लोकतंत्र के एक स्थायी प्रतीक के रूप में माना जाता है और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक स्मारकों में से एक माना जाता है।]]
[[चित्र:India Gate.jpg|right|thumb|200px|इंडिया गेट (युद्ध स्मारक)]]
[[चित्र:Taj Mahal in March 2004.jpg|thumb|right|200px|ताजमहल, भारत, मुगल सम्राट शाहजहांशाहजहाँ द्वारा निर्मित, उनकी पत्नी अर्जुमंद बानो बेगम के लिए एक मकबरे के रूप में.]]
[[चित्र:CristoreiPortugal.jpg|200px|right|thumb|अल्माडा में द क्रिस्टो रिए-अल्माडा (क्राइस्ट राजा), ब्राजील में दुनिया भर के सबसे बड़े स्मारकों में से एक है।]]
[[चित्र:Paris 06 Eiffelturm 4828.jpg|thumb|200px|right|पेरिस, फ्रांस में एफिल टॉवर सबसे प्रसिद्ध स्मारक है।]]
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[[चित्र:Monas on Medan Merdeka Jakarta.jpg|thumb|200px|right|राष्ट्रीय स्मारक, जकार्ता, इंडोनेशिया की स्वतंत्रता का उत्सव मनाते हुए]]
 
'''स्मारक''' एक ऐसी संरचना है जिसेजो या तो खास तौर पर किसी व्यक्ति या महत्वपूर्ण घटना की स्मृति में बनाई गई है, या जो किसी सामाजिक तबके के लिए उसके पुराने अतीत की याद दिलाने के रूप में महत्वपूर्ण बन गई है।
 
== उपयोग ==
 
प्रायः स्मारकों का इस्तेमाल किसी शहर या स्थान के स्वरूप को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। योजनाबद्ध रूप से बसाए गए शहर जैसे [[वाशिंगटन डी. सी.]], [[नई दिल्ली]] और [[ब्राज़ीलिया]], आम तौर पर स्मारकों के इर्द-गिर्द बसाए गए हैं। [[जार्ज वाशिंगटन]] से किसी तरह सम्बंधित होने से पहले [[वाशिंगटन स्मारक]] क़ी अवस्थिति (और उसकी लम्बवत ज्यामिति, पर उसका वाह्य विवरण नहीं) का चुनाव शहर में सार्वजनिक स्थलों को व्यवस्थित करने के लिए किया गया था। पुराने शहरों में स्मारक ऐसे स्थल पर हैं जो पहले से ही महत्वपूर्ण हैं या कभी-कभार उन्हें उसे उभारने के लिए फिर से डिज़ाइन किया जाता है। जैसा क़ि [[शेली]] ने अपनी प्रसिद्ध कविता "[[ओज़ीमेंडियस]]" ("''लुक ऑन माई वर्क्स, ये माइटी, एंड डेस्पेयर'' !") में सुझाया था, स्मारक का उद्देश्य आम तौर पर प्रभावित करना या आश्चर्यचकित करना होता है। [[अंग्रेज़ी]] शब्द "मॉन्युमेंटल" का इस्तेमाल प्रायः किसी अतिविशाल या अतिशक्तिशाली वस्तु के सन्दर्भ में होता है। यह शब्द लैटिन शब्द "मोनेरे" से आया है जिसका अर्थ है 'याद दिलाना' या 'चेतावनी देना'.
 
अपने युग, आकार या गौरवपूर्ण अतीत के कारण चर्चित कामकाजी संरचनाएं भी स्मारक क़ी तरह देखी जा सकती हैं। यह महान युग या आकार के कारण हो सकता है जैसा कि [[चीन की दीवार]] के मामले में, या किसी महान आयात की घटना के कारण जैसा कि [[फ़्रांस]] का [[ओराडोर-सर-ग्लेन]] गांव.गाँव। कई देश, संरक्षित संरचनाओं या [[पुरातात्विक स्थलों]], जो मूलतः कभी रिहाइशी घर या अन्य प्रकार के भवन रहे होंगे, उनके आधिकारिक संकेतन के लिए [[ऐतिहासिक स्थल]] या उससे मिलते जुलते पदों का इस्तेमाल करते हैं।
 
राजनैतिक या ऐतिहासिक जानकारी देने के लिए भी प्रायः स्मारक डिजाइन किये जाते हैं। उनका इस्तेमाल समकालीन राजनैतिक सत्ता के प्रभुत्व को और सुदृढ़ करने में किया जा सकता है, जैसे [[ट्राजन स्तम्भ]] या [[सोवियत यूनियन]] में [[लेनिन]] क़ी ढेरो मूर्तियां.मूर्तियां। इनका उपयोग जनता को अतीत की महत्वपूर्ण घटनाओं और आंकड़ो के बारे में शिक्षित करने के लिए किया जा सकता है, उदहारण के लिए पूर्व पोस्ट मास्टर जनरल [[जेम्स फारले]] के बाद न्यू यार्क शहर के पुराने जनरल पोस्ट आफ़िस का नाम बदल कर जेम्स ए.ए॰ फारले भवन ([[जेम्स फारले पोस्ट आफिस]]) रख दिया गया.
 
किसी स्मारक के सामाजिक मायनोमायनों को तय और निश्चित करना मुश्किल है, वे प्रायः विभिन्न सामाजिक समूहों में विवाद के विषय होते हैं। मसलन जहांजहाँ एक तरफ पूर्वी जर्मनी का पुराना समाजवादी राज्य, बर्लिन क़ी दीवार को पश्चिम से आने वाली विचारधारात्मक अशुद्धता से 'प्रतिरक्षा' करने वाली मानता था, वहीं दूसरी ओर उनसे असहमत और अन्य लोगों का तर्क था कि यह सामान्यतः फांसीवाद और राजसत्ता के विभ्रम का प्रतीक चिन्ह है। अर्थों की यह प्रतिद्वंद्विता ही आधुनिक 'पोस्ट प्रोसेसुअल' पुरातात्त्विक विमर्श का केंद्रीय विषय है।
 
स्मारक हजारों सालों के लिए बनाये जाते थे और वे सामान्यतयासामान्यतः प्राचीन सभ्यताओं के सबसे भरोसेमंद और प्रसिद्ध प्रतीक हैं। [[मिस्र के पिरामिड]], [[ग्रीस]] के [[पार्थेनन]] और [[ईस्टर आईलैंड]] के [[मोए]] उन सभ्यताओं के प्रतीक बन गए। आधुनिक काल में [[स्टैचू आफ लिबर्टी]] और [[एफिल टावर]] जैसी विशाल संरचनाएं आधुनिक राष्ट्र-राज्यों के महान प्रतीक बन गए हैं। अंग्रेज़ी का शब्द ''मोन्युमेंटैलिटी'', किसी स्मारक की प्रतीकात्मक अवस्था और उनकी भौतिक उपस्थिति को संबोधित करता है।
 
हाल तक यह अभ्यास देखा जाता रहा है कि, [[पुरातत्वविद]] विशाल स्मारकों का अध्ययन करते थे और उनको बनाने वाले समाजों की रोजमर्रा की जिंदगी की ओर कम ध्यान देते थे। पुरातात्विक रिकार्ड का निर्माण कैसे होता है, इस बारे में नए विचारों ने यह खुलासा किया कि कुछ वैधानिक और सैद्धांतिक प्रणालियां, स्मारक की प्रारंभिक परिभाषा पर अत्यधिक केन्द्रित हैं। [[यूनाइटेड किंगडम]] का [[अनुसूचित प्राचीन स्मारक]] कानून इसका एक उदाहरण है।