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== इतिहास ==
आरा अति प्राचीन शहर है। पहले यहां
आरा अति प्राचीन ऐतिहासिक नगर है जिसकी प्राचीनता का संबंध महाभारत काल से है। पांडवों ने भी अपना गुप्तवास काल यहाँ बिताया था। जेनरल कनिंघम के अनुसार युवानच्वांग द्वारा उल्लिखित कहानी का संबंध, जिसमें अशोक ने दानवों के बौद्ध होने के संस्मरण स्वरूप एक बौद्ध स्तूप खड़ा किया था, इसी स्थान से है। आरा के पास मसार ग्राम में प्राप्त जैन अभिलेखों में उल्लिखित 'आरामनगर' नाम भी इसी नगर के लिए गया है। पुराणों में लिखित मोरध्वज की कथा से भी इस नगर का संबंध बताया जाता है। बुकानन ने इस नगर के नामकरण में भौगोलिक कारण बताते हुए कहा कि गंगा के दक्षिण ऊँचे स्थान पर स्थित होने के कारण, अर्थात् आड़ या अरार में होने के कारण, इसका नाम 'आरा' पड़ा। 1857 के [[भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम|प्रथम भारतीय स्वतंत्रतायुद्ध]] के प्रमुख सेनानी [[कुंवर सिंह]] की कार्यस्थली होने का गौरव भी इस नगर को प्राप्त है।<ref>{{cite web|url=http://panchjanya.com/arch/2000/5/7/File11.htm|title= वीर कुंवर सिंह: १८५७ का महान योद्धा|publisher=panchjanya|accessdate=१६ दिसम्बर २०१४}}</ref> <ref>{{cite web|url=http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A5%82_%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%B5%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B9|title=बाबू कुंवर सिंह|publisher=bhaaratdiscovery.org|accessdate=१६ दिसम्बर २०१४}}</ref> आरा स्थित 'द लिटल हाउस' एक ऐसा भवन है, जिसकी रक्षा अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह में [[कुंवर सिंह]] से लड़ते हुए की थी। आरा 1971 के पांचवीं लोकसभा चुनाव तक शाहाबाद संसदीय क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। 1977 के दौरान आरा को अलग संसदीय क्षेत्र के रूप में मान्यता मिली और तब आरा अस्तित्व में आया|<ref>{{cite web|url=http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/tayaarinews/article1-story-67-67-416859.html|title=आरा: जातीय समीकरण से बनेगा-बिगड़ेगा खेल|publisher=लाइव हिन्दुस्थान|accessdate=१६ दिसम्बर २०१४}}</ref>
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