"भूमि उपयोग": अवतरणों में अंतर
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किसी भी भौगोलिक क्षेत्र के पर्यावरण और पारितन्त्रीय संतुलान में भूमि उपयोग की काफ़ी भूमिका होती है। प्राकृतिक पर्यावरण के भूदृश्य वर्तमान समय के मानुष आक्रांत भूदृश्यों से बहुत अलग हुआ करते थे। मनुष्य ने प्राकृतिक पर्यावरण और पारितंत्रों को तकनीकी और वैज्ञानिक ज्ञान द्वारा बदल कर [[नव्य पारितन्त्र|नव्य पारितंत्रों]] की स्थापना की है। इन परिवर्तनों में भूमि उपयोग में परिवर्तन सबसे व्यापक और प्रत्यक्ष रूप से परिलक्षित होने वाले हैं। प्राकृतिक वनों का उन्मूलन इस परिवर्तन का सबसे स्पष्ट दीखने वाला परिणाम है। भूमि उपयोग में परिवर्तन द्वारा वन्य जीवों के आवासों का विलोपन एवं विखंडन भी इसका एक प्रमुख उदाहरण है जिससे जैव-विविधता को खतरा है।
==शहरीकरण==
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नगरीकरण और भूमि उपयोग परिवर्तनों को समेकित रूप से जलवायु परिवर्तन के सबसे प्रमुख कारक के रूप में भी
|accessmonthday= दिसम्बर 16|accessyear= 2014|last= Kalnay |first= Eugenia|authorlink= |coauthors= Ming Cai|date= |year= |month= |format= |work= |publisher= Neture
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