"जापान": अवतरणों में अंतर
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=== प्राचीन काल ===
जापान का प्रथम लिखित
शिंतो मान्यताओं के अनुसार जब कोई राजा मरता है तो उसके बाद का शासक अपना राजधानी पहले से किसी अलग स्थान पर बनाएगा। बौद्ध धर्म के आगमन के बाद इस मान्यता को त्याग दिया गया। ७१० ईस्वी में राजा ने ''नॉरा'' नामक एक शहर में अपनी स्थायी राजधानी बनाई। शताब्दी के अन्त तक इसे ''हाइरा'' नामक नगर में स्थानान्तरित कर दिया गया जिसे बाद में [[क्योटो]] का नाम दिया गया। सन् ९१० में जापानी शासक फूजीवारा ने अपने आप को जापान की राजनैतिक शक्ति से अलग कर लिया। इसके बाद तक जापान की सत्ता का प्रमुख राजनैतिक रूप से जापान से अलग रहा। यह अपने समकालीन [[भारतीय]], [[यूरोपी]] तथा [[इस्लामी]] क्षेत्रों से पूरी तरह भिन्न था जहाँ सत्ता का प्रमुख ही शक्ति का प्रमुख भी होता था। इस वंश का शासन ग्यारहवीं शताब्दी के अन्त तक रहा। कई लोगों की नजर में यह काल जापानी सभ्यता का स्वर्णकाल था। चीन से सम्पर्क क्षीण पड़ता गया और जापान ने अपना खुद की पहचान बनाई। दसवी सदी में बौद्ध धर्म का मार्ग चीन और जापान में लोकप्रिय हुआ। जापान मे कई [[पैगोडा|पैगोडाओं]] का निर्माण हुआ। लगभग सभी जापानी पैगोडा में विषम संख्या में तल्ले थे।
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