"समराङ्गणसूत्रधार": अवतरणों में अंतर

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: अय:कपालाहितमन्दवह्निप्रतप्ततत्कुम्भभुवा गुणेन
: व्योम्नो झगित्याभरणत्वमेति सन्तप्तगर्जद्ररसरागशक्त्या॥ ९८
 
==संरचना==
{| class="wikitable"
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! अध्याय !! नाम
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| १ || महासमागमन
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| ३ || प्रश्न
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| ५ || भुवनकोश
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| ६ || सहदेवाधिकार
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| ८ || भूमिपरीक्षा
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| ९ || हस्तलक्षणम्
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| १० ||
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| ११ || वास्तुत्रयविभाग
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| १२ ||
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| १३ || मर्मवेध
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| १४ ||
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| १५ || राजनिवेशः
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| १६ || वनप्रवेश
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| १७ ||
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| १८ ||
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| १९ ||
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| २० ||
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| ८३ ||
|}
 
==इन्हें भी देखें==