"उत्तरायण सूर्य": अवतरणों में अंतर

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'''उत्तरायण सूर्य''', सूर्य की एक दशा है। [[मकर संक्रांति]] से लेकर [[कर्क संक्रांति]] के बीच के छः मास के समयान्तराल को '''उत्तरायण''' कहते हैं। 'उत्तरायण' (= उत्तर + आयण) का शाब्दिक अर्थ है - 'उत्तर में आना', अर्थात् [[सूर्य]] का उत्तर में आना या सूर्य का ठीक पूर्व से न निकलकर थोड़ा उत्तर दिशा से निकलना। इसके विपरीत कर्क संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति के बीच के छः मास के काल को दक्षिणायन कहते हैं।
उत्तरायण सूर्य, सूर्य की एक दशा है।
 
उत्तरायण का आरंभ १४ जनवरी (या कभी-कभी १५ जनवरी) को होता है। जब सूर्य देव मकर राशि मे प्रवेश करते है। उत्तरायण के बाद दक्षिणायण का आरंभ १४ जुलाई को होता है। सूर्य देव के उत्तरायण मे प्रवेश करने के उपलक्ष मे हिन्दुओ द्वारा मकर संक्राति का पर्व मनाया जाता है।
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://in.jagran.yahoo.com/dharm/?page=article&category=10&articleid=6600 देवों का नव-प्रभात]
* [http://hindi.webdunia.com/religion/occasion/kitefestival/0801/12/1080112043_1.htm सूर्यदेव के उत्तरायण का महापर्व : मकर संक्रांति]
* [http://religion.bhaskar.com/article/utsav--uttrayan-to-give-message-remain-active-in-the-life-2733839.html?LHS- जीवन में सक्रिय बने रहने का संदेश देता है उत्तरायण]
* [http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-1722920-2720251.html 14 की मध्य रात को उत्तरायण होंगे सूर्यदेव]
 
[[श्रेणी:हिन्दू ज्योतिष]]
[[श्रेणी:भारतीय ज्योतिष]]
{{सूर्य की दशाएँ}}