"वार्ता:नालापत बालमणि अम्मा": अवतरणों में अंतर

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*''अम्मा ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। फलत: वात्सल्य, ममता, मानवता के कोमल भाव की कवयित्री के रूप में विख्यात अम्मा ने तत्कालीन समाज के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली भी दृष्टि देने की कोशिश की। तीस के दशक की उनकी कविताओं में देशभक्ति, गाँधी का प्रभाव और स्वतंत्रता की चाह स्पष्ट परिलक्षित होती है।'', मूल शोध और व्यक्तिगत विचार लग रहे है। इनके लिये स्रोत तो होना ही चाहिये साथ में कुछ भारी शब्द भी कम करने चाहिये।
*'''साहित्यिक जीवन अनुभाग''' - लगभग पूरा का पूरा एक प्राथमिक स्रोत पर आधारित है यानि उनके द्वारा कही गई बातों पर। किसी साहित्यकार का जीवन की बाते सेकेंडरी स्रोतों पर आधारित होनी चाहिये। इससे ये सारा अनुभाग उनका या इस लेख के लेखक के विचार बन गए है। हमे विशेषज्ञों के विचार जानने है।--<b>[[User:हिंदुस्थान वासी|<font color="sky blue">पीयूष</font>]]</b><sup>[[User talk:हिंदुस्थान वासी|<font color="kesari">वार्ता</font>]]</sup> 14:06, 8 दिसम्बर 2014 (UTC)
:{{सुनो|हिंदुस्थान वासी}} लम्बे समय तक माला जी के उपयुक्त सम्पादन न करने के कारण मैंने आपके प्रश्नों के प्रत्युत्तर में कुछ सम्पादन किये हैं। यदि आपकी और टिप्पणियाँ जल्दी ही मिलेंगी तो हमें इसमें आगे बढ़ने में सफलता मिलेगी।<span style="color:green;">☆★</span>[[u:संजीव कुमार|<u><span style="color:Magenta;">संजीव कुमार</span></u>]] ([[User talk:संजीव कुमार|<span style="color:blue;">✉✉</span>]]) 17:10, 16 जनवरी 2015 (UTC)
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