"मरुद्गण": अवतरणों में अंतर

छो विराम चिह्न की स्थिति सुधारी।
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मरुत् देवों के सैनिक थे अत: उनके लिये शत्रु पर हमला करना आवश्यक होता था। मरुत् मनुष्य थे इस विषय में वेद के वचन देखिए।
 
=== मरुतों के गुण ===
 
मरुत् ज्ञानी है (प्रचेतस: मरुत:)। वे दूरदर्शी हैं ("दूरे दृश:")। वे कवि है--(कवय: मरुत:)। मरुत अत्यंत कुशल, उत्तम सैनिक हैं। मरुत् उग्र है (उग्रा: मरुत:)। शत्रु को जड़ मूल से उखाड़कर फेंकनेवाले मरुत् है (सुमाया मरुत:)।