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[[चित्र:Pineapple and cross section.jpg|thumb|left|अनन्नास फल व अनुप्रस्थ काट]]
अनन्नास के औषधीय गुण भी बहुत होते हैं। ये शरीर के भीतरी विषों को बाहर निकलता है। इसमें [[क्लोरीन]] की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही [[पित्त]] विकारों में विशेष रूप से और [[पीलिया]] यानि पांडु रोगों में लाभकारी है। ये [[:श्रेणी:गले के रोग|गले]] एवं [[:श्रेणी:मूत्र तंत्र|मूत्र]] के रोगों में लाभदायक है।<ref>[http://naturohelp.blogspot.com/2008/11/blog-post_9872.html अनन्नास के फ़ायदे]-नैचुरो हैल्प</ref> इसके अलावा ये हड्डियों को मजबूत बनाता है। अनन्नास
में प्रचुर मात्रा में [[मैग्नीशियम]] पाया जाता है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है। एक प्याला अनन्नास के रस-सेवन से दिन भर के लिए आवश्यक मैग्नीशियम के ७५% की पूर्ति होती है। साथ ही ये कई रोगों में उपयोगी होता है। इस फल में पाया जाने वाला ब्रोमिलेन सर्दी और [[खांसी]], सूजन, गले में खराश और [[गठिया]] में लाभदायक होता है। यह पाचन में भी उपयोगी होता है। अनन्नास अपने गुणों के कारण नेत्र-ज्योति के लिए भी उपयोगी होता है। दिन में तीन बार इस फल को खाने से बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम हो जाने का खतरा कम हो जाता है। [[आस्ट्रेलिया]] के वैज्ञानिकों के शोधों के अनुसार यह [[कैंसर]] के खतरे को भी कम करता है। ये उच्च [[एंटीआक्सीडेंट]] का स्रोत है व इसमें [[विटामिन सी]] प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर की [[प्रतिरक्षा प्रणाली|प्रतिरोधक क्षमता]] बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है। इससे सर्दी समेत कई अन्य [[संक्रमण]] का खतरा कम हो जाता है।<ref name="जागरण"/> अनानास में पाए जाने वाले अमीनो आसिड्स और विटामिन सी के कारण त्वचा को संपूर्णा पोषण मिलती हैं और जवान नज़र आता हैं। इस फल को आप अपने त्वचा को जालयोजित करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं करीब 3 से 4 चमच ताज़ा कूटे हुए अनानास को थोड़े दूध अथवा अंडे की जर्दी के साथ मिलाकर मिश्रण बनाकर अपने रूखे त्वचा पर लगाईएन और लगभग 1-3 तक छोड़ दीजिए यहा करने से आप अपने त्वचा की नमी को बरकरार रख सकते हैं।
 
== संदर्भ ==