"भारत बिल भुगतान प्रणाली": अवतरणों में अंतर

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==पृष्ठभूमि==
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक जी पद्मनाभन की अध्यक्षता में २०१३ में एक समिति का गठन किया गया जिसका उद्देश्य था [[जाईरो]] आधारित [[भुगतान प्रणाली]] के गठन की संभावनाओं का पता लगाना। इस समिति के अनुमान के अनुसार भारत के २० बड़े शहरों में ही प्रतिवर्ष रु. 622300 करोड़ billion मूल्य के 3080 करोड़ बिल आते हैं।<ref name="rbi"/>
 
इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि इस देश में एक समन्वित बिल भुगतान प्रणाली की आवश्यकता है।