"बोधिसत्व": अवतरणों में अंतर

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[[File:Pensive Bodhisattva 02.jpg|160px|thumb|left|मैत्रेय बोधिसत्व की मूर्ति]]
[[बौद्ध धर्म]] में, '''बोधिसत्व''' ({{lang-sa|बोधिसत्त्व}}; {{lang-pi|बोधिसत्त}}) [[सात्विक|सत्त्व]] के लिए [[बोधि|प्रबुद्ध]] (शिक्षा दिये हुये) को कहते हैं। पारम्परिक रूप से महान दया से प्रेरित, [[बोधिचित्त]] जनित, सभी संवेदनशील प्राणियों के लाभ के लिए सहज इच्छा से [[बुद्धत्व]] प्राप्त करने वाले को बोधिसत्व माना जाता है।<ref>The Bodhisattva Vow: A Practical Guide to Helping Others (''बोधिसत्व शपथ'': औरों की सहायता के लिए एक व्यवहारिक दिशानिर्देश) (अंग्रेज़ी में), पृष्ठ १, थरपा पब्लिकेशन्स (दूसरा संस्करण, १९९५) ISBN 978-0-948006-50-0</ref> तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुसार, बोधिसत्व मानव द्वारा जीवन में प्राप्त करने योग्य चार उत्कृष्ठ अवस्थाओं में से एक है।<ref>P. 313 ''Brilliant Moon: The Autobiography of Dilgo Khyentse'' by Dilgo Khyentse</ref>