"रविन्द्र कौशिक": अवतरणों में अंतर

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'''रविन्द्र कौशिक''' [[रिसर्च एंड एनालिसिस विंग|रॉ]] जासूस थे उन्हें वहाँ पकड़ लिया गया था और [[पाकिस्तान]] की जैल में डाल दिया गया अंत में वहाँ ही उनकी मौत हो गई।<ref>[http://www.bhaskar.com/article/INT-real-patriot-son-of-mother-india-ravindra-kaushik-4253569-NOR.html?HF-52= दैनिक भास्कर]</ref><ref name="tel">{{cite web|title=India’s forgotten spy - Agent’s family fights an impossible battle |url=http://www.telegraphindia.com/1021230/asp/frontpage/story_1526967.asp|accessdate=17 अगस्त 2012}}</ref><ref name="one">{{cite web|title=Ek Tha Tiger: Not Salman Khan, meet the real Indian Tiger! |url=http://entertainment.oneindia.in/bollywood/news/2012/ek-tha-tiger-salman-khan-real-tiger-ravinder-kaushik-098458.html|accessdate=17 अगस्त 2012}}</ref><ref name="zee">{{cite web|title=Ek Tha Black Tiger: Real life tale of a true patriot |url=http://zeenews.india.com/entertainment/celebrity/ek-tha-black-tiger-real-life-tale-of-a-true-patriot_117290.htm|accessdate=17 अगस्त 2012}}</ref><ref name="dap">{{cite web|title=Late spy’s kin fight for reel life credit |url=http://www.dailypioneer.com/nation/86994-late-spys-kin-fight-for-reel-life-credit.html|accessdate=17 अगस्त 2012}}</ref>
== जीवनी ==
रविन्द्र कौशिक का जन्म [[राजस्थान]] राज्य के [[श्रीगंगानगर]] नामक जिले में ११ अप्रैल १९५२ को हुआ। वे एक प्रसिद्ध थिएटर कलाकार थे और अपनी योग्यता को राष्ट्रीय स्तर नाटक सभा [[लखनऊ]] में प्रदर्शित कर चुके हैं जिसे भारतीय खुफिया एजेंसी [[रिसर्च एंड एनालिसिस विंग|रॉ]] के कुछ अधिकारियों ने भी देखा। इस समय उन्हें सम्पर्क किया गया और उन्हें [[भारत]] के लिए [[पाकिस्तान]] में [[खुफिया एजेंट]] की नौकरी का प्रस्ताव रखा गया। 23 वर्ष की आयु में,<ref name="tel" /> उन्हें मिशन पर पाकिस्तान भेज दिया गया।<ref name="toi">{{cite web|title=Salman Khan's new movie in controversy againcontroversyagain|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2012-07-24/jaipur/32827242_1_multan-pakistan-army-pakistan-agency|accessdate=17 Aug 2012}}</ref><ref name="ind">{{cite web|title=Dead RAW agent's nephew takes Salman's Ek Tha Tiger producers to court|url=http://www.indiatvnews.com/entertainment/bollywood/raw-agent-nephew-takes-salman-ek-tha-tiger-producers-court--4729.html|accessdate=17 Aug 2012}}</ref>
 
पाकिस्तान में
 
रविन्द्र कौशिक रॉ द्वारा भर्ती किया गया था और दो साल के लिए दिल्ली में गहन प्रशिक्षण दिया गया था। उन्हें इसलाम की धार्मिक शिक्षा दी गयी और पाकिस्तान के बारे में, स्थलाकृति और अन्य विवरण के साथ परिचित कराया गया। उर्दू पढ़ायी गयी। श्री Ganganager से होने के नाते, वह अच्छी तरह से पाकिस्तान के बड़े हिस्से में बोली जाने वाली पंजाबी भाषा में निपुण थे।
 
उन्होंने 1975 में पाकिस्तान के लिए भेजा और नाम नबी अहमद शाकिर दिया गया था।वे कराची विश्वविद्यालय में दाखिला प्राप्त करने में सफल रहे और उसकी एलएलबी पूरा किया। आगे जाकर वे पाकिस्तानी सेना में शामिल हो गए और एक कमीशन अधिकारी बन गया है और बाद में एक मेजर के पद पर पदोन्नत किये गए। उनहोंने एक स्थानीय लड़की अमानत से शादी कर ली है, और एक बेटे का पिता बन गए।
 
1979 से 1989 तक उनहोंने जो रॉ के लिए बहुमूल्य जानकारी पर पारित की वे भारतीय रक्षा बलों के लिए बहुत मददगार थी।
उन्हें भारत के तत्कालीन गृह मंत्री एसबी चव्हाण ने 'ब्लैक टाइगर' का खिताब दिया गया था। कुछ जानकार के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उपाधि प्रदत्त किया गयी थी।
 
वह बहुत प्रतिकूल परिस्थितियों में दूर पाकिस्तान में अपने घर और परिवार से अपने जीवन के 26 साल बिताए।
 
युद्ध के दौरान
 
रविन्द्र कौशिक द्वारा प्रदान की गुप्त जानकारी का उपयोग कर, भारत पाकिस्तान से हमेशा एक कदम आगे रहा और कई अवसरों पर पाकिस्तान ने भारत की सीमाओं के पार युद्ध छेड़ना चाहा , लेकिन रविन्द्र कौशिक द्वारा दिए गए समय पर अग्रिम शीर्ष गुप्त जानकारी का उपयोग इसे नाकाम कर दिया गया।
 
मौत और उसके बाद
 
सितम्बर 1983 में, भारतीय खुफिया एजेंसियों को ब्लैक टाइगर के साथ संपर्क में पाने के लिए एक एजेंट, Inyat Masiha, भेजा था। लेकिन उस एजेंट को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने पकड़ लिया और रविंदर कौशिक की असली पहचान का पता चला गया।
 
कौशिक पर सियालकोट के एक पूछताछ केंद्र में दो साल तक अत्याचार किया गया। वर्ष 1985 उसे सजा ए मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास में रूपान्तरित किया गया।
उन्हें 16 साल तक सियालकोट, कोट लखपत और मियांवाली जेल सहित विभिन्न जेलों में रखा गया था। वहीं कौशिक को दमा और टीबी हो गया। चुपके से वे भारत में अपने परिवार के लिए पत्र भेजने में कामयाब रहे। उसमें उनहोंने अपने खराब स्वास्थ्य की स्थिति और पाकिस्तान की जेलों में अपने ऊपर होने वाले यातनाओं के बारे में लिखा। लेकिन भारत सरकार या RAW ने उनकी खोज नहीं की।
 
उन्होंने अपने एक पत्र में पुछा था ,
 
"क्या भारत जैसे बड़े देश केलिए कुर्बानी देने का यही ईनाम मिलता है ?"
 
नवंबर 2001 को, वह सेंट्रल जेल मुल्तान में फेफड़े , तपेदिक और दिल की बीमारी से दम तोड़ दिया। उन्हें जेल के पीछे दफनाया गया था।
 
रवींद्र के परिवार ने दावा किया की वर्ष 2012 में प्रदर्शित मशहूर बॉलीवुड फिल्म "एक था टाइगर" की शीर्षक लाइन रवींद्र के जीवन पर आधारित थी ।
 
== ये भी देखें==