"टैंगो चार्ली (2005 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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इसी दरम्यान मिल्ट्री हाॅस्पिटल में मुहम्मद अपनी उस त्रासदी तरुण को सुनाता है जब उसकी पोस्टिंग बंगाल में हुई थी और वहीं के प्रांतीय जमींदार की बेटी, श्यामोली (नंदना सेन) की शादी की सुरक्षा का जिम्मा मिलता है । लेकिन तमाम तरीके आजमाने के बाद भी वह श्यामोली के पिता और मंगेतर को नक्सलियों के हाथों नहीं बचा नहीं पाता, बावजुद उन्हीं के मुख्य सरगना (राजेन्द्रनाथ जुतशी) को मारकर किसी तरह श्यामोली को बचा लेता है । नक्सली उसका पीछा कर जंगल की गुफा तक पहुँचते है, यहां मुहम्मद बारिश और अंधेरे का फायदा उठाकर सबको खत्म करता है, लेकिन श्यामोली भी मुहम्मद की जान बचाते हुए मारी जाती है । मुहम्मद के लिए यह अफसोस की बात होती है क्योंकि आखिरी समय में वह श्यामोली से प्यार कर बैठा था, और उसकी खातिर उसने पहली बार दिल से फैसला लिया था न की दिमाग से ।
इधर तरुण को लक्षी से खत मिलता है कि वह किसी और से शादी करने वाली है और फिर हड़बड़ता हुआ वह घर लौटता है । उसे जानकर तब हैरानी होती है की यह सब लक्षी ने उसे जल्द बुलाने की तरकीब की थी ताकि वह जाने कि तरुण उसे कितना प्यार करता है । अगली सुबह लक्षी उसकी डायरी चोरी कर बस से दुर भागती है, तरुण उसका पीछा करता है । लेकिन डायरी पढ़ने पर लक्षी को तरुण की भयावह आपबीती से चौंकती है और शर्मिन्दा महसूस करती है । वह तरुण से माफी मांगती है और जल्द ही दोनों शादी कर लेते हैं ।
==कारगिल युद्ध (कश्मीर में)==
भारत और पाकिस्तान की उपजी तनाव कारगिल युद्ध में बदलती है, माइक अल्फा की प्लाटुन अपनी बटालियन समेत वहीं के मुख्य पुल की सुरक्षा की नियुक्ति मिलती है, आपातकालिन परिस्थितियों से निबटने के लिए वो इसका पूर्वाभ्यास भी करते है, माइक से तरुण को सख्त निर्देश मिलते है की जबतक कोई गेटपास के लिए तीन बार पासवर्ड पुछने पर जवाब न मिले तो उसे फौरन गोली मार दे ।
== मुख्य कलाकार ==
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