"आर के लक्ष्मण": अवतरणों में अंतर
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'''रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण''' (संक्षेप में '''आर. के. लक्ष्मण''', जन्म: २३ अक्टूबर १९२१, [[मैसूर]] - निधन २६ जनवरी २०१५),
== जन्म और बाल्यावस्था:==
आर के लक्ष्मण का जन्म '''[[मैसूर]]''' में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल के संचालक थे और लक्ष्मण उनके छः पुत्रो में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई '''[[आर. के. नारायण]]<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/R._K._Narayan</ref>''' एक प्रसिद्ध उपन्यासकार है और केरल के एम् जे विश्वविद्यालय के उप कुलपति हैं।
बचपन से ही लक्ष्मण को '''चित्रकला''' में बहुत रूचि थी। वे फर्श, दरवाज़ा, दीवार आदि में चित्र बनाते थे। एक बार '''पीपल के पत्ते''' के चित्र बनाने के लिए उन्हें अपने अध्यापक से शबाशी भी मिली थी। इसके बाद उन्होंने एक चित्रकार बनना सपना मन में सोंजोया। वे ब्रिटन के मशहूर कार्टूनिस्ट '''सर डेविड लौ'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/David_Low_(cartoonist)</ref> से बहुत प्रभावित हुए थे। लक्ष्मण अपने स्थानीय क्रिकेट टीम "रफ एंड टफ एंड जॉली" के कप्तान थे और उनके हरकतों से प्रेरित होकर, उनके बड़े भाई ने ''"डोडो द'' ''मणि'' ''मेकर"'' और ''"द रीगल क्रिकेट क्लब"'' जैसी कहानियों को लिखा।
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हाई स्कूल के बाद, लक्ष्मण ने आजीवन आर्ट, ड्राइंग और पेंटिंग पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद में मुंबई के जेजे स्कूल के लिए आवेदन किया, लेकिन कॉलेज के डीन ने उनको लिखा की उनके चित्रों में वह बात नहीं है कि उन्हें अपने कॉलेज में दाखिला दिया जा सके डीन ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया। बाद में उन्होने '''मैसूर विश्वविद्यालय'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/University_of_Mysore</ref> से '''बी ए''' उतीर्ण किया। इसी दौरान उन्होंने अपने स्वतंत्र कलात्मक गतिविधियों को भी जारी रखा और '''स्वराज्य''' पत्रिका एवं एक '''एनिमेटेड''' '''चित्र''' के लिए अपने कार्टूनों का योगदान करते रहे।
== व्यवसाय
लक्ष्मण पहले-पहल ''स्वराज्य'' और ''ब्लिट्ज'' जैसे पत्रिकाओं के लिए काम करते थे। जब वे मैसूर के '''महाराजा कॉलेज''' में पढ़ रहे थे, तब वे अपने बड़े भाई आर.के. नारायण के कहानियों का चित्रण ''"द हिन्दू"'' पत्रिका में करते थे और स्थानीय पत्रिका ''"स्वतन्त्रता"'' के लिए राजनैतिक कार्टूनों बनाया करते थे। लक्ष्मण कन्नड़ भाषा की हास्य पत्रिका '''"कोरावंजी"''' के लिए भी कार्टून तैयार किया करते थे। संयोग से, कोरावंजी को अलोपथ '''डॉ॰ एम्. शिवराम''' ने सन् १९४२ में स्थापित किया था, जो स्वयं हास्य को प्रोत्साहित किया करते थे। उन्होंने तो इस मासिक पत्रिका को हास्य और व्यंग्य कार्टूनों के लिए ही समर्पित किया था। डॉ॰ शिवराम स्वयं कन्नड़ के एक प्रख्यात व्यंग्यकार थे। उन्होंने लक्ष्मण को बहुत प्रोत्साहित किया। लक्ष्मण मद्रास के जेमिनी स्टूडियोज में गर्मियों के छुट्टी में काम किया करते थे। उनकी पहली पूर्णकालिक नौकरी एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में ''"द फ्री प्रेस जॉर्नल", मुम्बई'' में थी। '''श्री बाल ठाकरे'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/Bal_Thackeray</ref> उनके सहयोगी थे। बाद में लक्ष्मण को '''"द टाइम्स ऑफ़ इंडिया"''' पत्रिका में नौकरी मिली और उन्होंने वहाँ ''पचास वर्षों'' से भी अधिक काम किया।
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'''सिम्बायोसिस अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में आर. के. लक्ष्मण के नाम पर एक कुर्सी भी है।'''
== व्यक्तिगत जीवन==
आर. के. लक्ष्मण का पहला विवाह भरतनाट्यम नर्तकी और सिनेमा की अभिनेत्री ''कमला लक्ष्मण'' से हुआ था (विवाह से पहले उन्हें बेबी कमला और कुमारी कमला के नामों से जाना जाता था)। उनसे तलाक के बाद, आर. के. लक्ष्मण ने फिर विवाह किया और उनकी दूसरे पत्नी (जो एक लेखिका है) का नाम भी ''कमला'' था। फिल्मफेयर, एक सिनेमा पत्रिका के कार्टून सीरीज "''द स्टार ऐ हाव नेवर मेट"'' में उन्होंने कमला लक्ष्मण का एक कार्टून बनाकर शीर्षक दिया था ''"द स्टार ओनली ऐ हाव मेट"''।
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सितम्बर २००३ में, लक्ष्मण ने एक स्ट्रोक के प्रभाव के कारण उनके शरीर का बायां हिस्सा पक्षाघात से ग्रस्त हो गया था। उससे वे एक हद तक उबर पाए थे। '''२०१२ अक्टूबर में,पुणे में लक्ष्मण ने अपने निवास स्थान में एक घरेलू कार्यक्रम में अपना ९१वां जन्मदिन मनाया।''' उन्होंने केक को काटा और उनके एक प्रशंसक राजवर्धन पाटिल ने उन्हें ''"द ब्रेनी क्रो"'' नामक एक वृतचित्र प्रस्तुत किया, यह वितचित्र इनका सबसे पसन्दीदा पक्षी के जीवन और उनके अस्तित्व के बारे में था। विगत दिनों में शिव सेना प्रमुख श्री बाल ठाकरे एक कार्टूनिस्ट के रूप में लक्ष्मण के सहयोगी थे। बाला साहेब ठाकरे भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं भेजा था। इस दिन वैज्ञानिक '''श्री जयन्त नार्लिकर'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/Jayant_Narlikar</ref>और सिम्बायोसिस विश्वविध्यालय के चान्सलर श्री एस. बी. मजुम्दार ने भी उन्हे शुभकामनाएं भेजी ।
== सम्मान एवं पुरस्कार
* बी डी गोयनका पुरस्कार - ''[[दि इन्डियन एक्सप्रेस]]'' द्वारा।
* दुर्गा रतन स्वर्ण पदक - ''[[हिन्दुस्तान टाइम्स]]'' द्वारा।
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* [[रमन मैग्सेसे पुरस्कार]] (१९८४)
== कृतियाँ==
* ''दि एलोक्वोयेन्ट ब्रश''
* ''द बेस्ट आफ लक्षमण सीरीज''
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* ''द टनल आफ टाईम'' ([[आत्मकथा]])
== मल्टी-मीडिया
* इंडिया थ्रू थे आईज ऑफ़ आर. के. लक्ष्मण-देन टू नाउ (सीडी रोम)
* लक्ष्मण रेखास-टाइम्स ऑफ़ इंडिया प्रकाशन
* आर. के. लक्ष्मण की दुनिया- सब टीवी पर एक शो
== सन्दर्भ
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{{रेमन मैगसेसे पुरस्कार विजेता भारतीय}}
{{१९७१ पद्म भूषण}}
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