"रवि शंकर (आध्यात्मिक गुरू)": अवतरणों में अंतर

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== दर्शन ==
रवि शंकर कहते हैं कि सांस शरीर और मन के बीच एक कड़ी की तरह है जो दोनों को जोड़ती है। इसे मन को शांत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वे इस बात पर भी जोर देते हैं कि ध्यान के अलावा दूसरे लोगों की सेवा भी इंसान को करनी चाहिए। वे विज्ञान और आध्यात्म को एक-दूसरे का विरोधी नहीं, बल्कि पूरक मानते हैं। वे एक ऐसी दुनिया बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं जिसमें रहने वाले लोग ज्ञान से परिपूर्ण हो ताकि वे तनाव और हिंसा से दूर रह सकें।
2001 में जब आतंकवादियों ने विश्व व्यापार संगठन पर हमला किया तो आर्ट आफ लिविंग फाउंडेशन ने पूरे न्यू यार्क के लोगों के निशुल्क तनाव को दूर करने के कोर्स करवाया।
इस संस्था ने कोसोवो में युद्ध से प्रभावित लोगों के लिए सहायता कैम्प भी लगाया था इस संस्था ने।लगाया।
इराक में भी संस्था ने 2003 में युद्ध प्रभावित लोगों को तनाव मुक्ति के उपाय बताए। इराक के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर श्री श्री रवि शंकर ने इराक का दौरा किया और वहां के शिया, सुन्नी तथा कुरदिश समुदाय के नेताओं से बातचीत की। 2004 में पाकिस्तान के उन नेताओं से भी मिले जो विश्व शांति स्थापना के पक्षधर थे। संसार ने जब सुनामी को देखा तो संस्था के लोग मदद के लिए वहां भी खड़े थे। दुनिया भर के कैदियों के उत्थान के लिए भी संस्था निरंतर कार्य करती रहती है।
 
== सुदर्शन क्रिया ==