"सामाजिक वाणिज्य": अवतरणों में अंतर
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==सामाजिक वाणिज्य के तत्व ==
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#====समुदाय==== - जब लोगो को पता चलता है कि अकेला या समूह जो एक ही तरह के पसंद, मूल्यों, विश्वासों आदि को बाँटते है, लोग ज्यादा समुदाय के प्रतिबद्ध में रहना चाहते है जहाँ उन्हें भीतर स्वीक्रति लगे। जब ऐसी प्रतिबद्धता होती है तो तब वो एक समूह के रूप में एक ही तरह की पर्वर्तियाँ का पालन करते है और जब कोई सदस्य एक नया विचार या उत्पाद परिचय कराता है तो इसे पिछले विशवास के आधार और अपने कंपनयो के उत्पाद और सामजिक समुदायो के साथ स्वीकारा जाता है। कंपनी के लिए यह लाभदायक होगा अगर यह सामाजिक मीडिया साइट्स के साथ भागीदारी विकसित करें ।
#====सामाजिक सबूत==== - अगर कंपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया चाहती है तो उसे इस सामजिक प्रतिक्रिया को स्वीकार करने के लिए उसे दिखाना पड़ेगा की अन्य लोग भी यह उत्पाद खरीदते है और पसंद करते है यह हम बहुत साड़ी ऑनलाइन कंपनियो को देख सकतें है जैसे कि ई बे और अमेजोन जब भी इनके यहाँ से कोई खरीदते है तो प्रतिक्रिया भी मांगते है और जब यह प्रतिक्रिया होती है तो वे तुरन्त अन्य लोगो के संबंध में खरीदा हुआ दिखाता है। अगर सिफारिश और प्रतिक्रिया खुली हो तो ही फायदेमंद रहता है, यह एक विक्रेता के रूप में आप के लिए विशवास पैदा करता है ।
#====प्राधिकरनण==== - कई लोगो को उत्पाद अच्छे गुणवत्ता वाली होने के सबूत की जरूरत पड़ती है यह सबूत दुसरो की सिफारिशों के आधारित भी हो सकती जो इस उत्पाद को ख़रीदा है फिर उपभोक्ता को उत्पाद खरीदने में अपने निर्णय पर भरोसा रहता है।
#====पसंद==== - लोग दुसरो की सिफारिशों के आधारित विशवास करते है अगर कोई उत्पाद को ज्यादा पसंद किया जाता है तो फ़िर उपभोक्ता उस उत्पाद को खरीदने में अधिक विशवास करता है।
#====कमी==== - आपूर्ति और मांग के भाग के रूप में उत्पादों को अधिक से अधिक मूल्य दिया जाता है अगर उसकी उच्च मांग हो या फिर एक कमी के रूप में माना जाता है, इसलिए जब उपभिक्ता आश्वस्त हो जाता है कि जो भी वो खरीदने जा रहा है वो कुछ अलग, विशेष और आसानी से नहीं पाया जा सकता तो उसके खरीदने की चाह भी बढ़ जाती है यदि विक्रेता भरोसा स्थापित करता है तो फिर उपभोक्ता उस उत्पाद को तुरंत खरीदना पसंद करेंगे ।
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