"सामाजिक वाणिज्य": अवतरणों में अंतर

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#'''पसंद''' - लोग दुसरो की सिफारिशों के आधारित विशवास करते है अगर कोई उत्पाद को ज्यादा पसंद किया जाता है तो फ़िर उपभोक्ता उस उत्पाद को खरीदने में अधिक विशवास करता है ।
#'''कमी''' - आपूर्ति और मांग के भाग के रूप में उत्पादों को अधिक से अधिक मूल्य दिया जाता है अगर उसकी उच्च मांग हो या फिर एक कमी के रूप में माना जाता है, इसलिए जब उपभिक्ता आश्वस्त हो जाता है कि जो भी वो खरीदने जा रहा है वो कुछ अलग, विशेष और आसानी से नहीं पाया जा सकता तो उसके खरीदने की चाह भी बढ़ जाती है यदि विक्रेता भरोसा स्थापित करता है तो फिर उपभोक्ता उस उत्पाद को तुरंत खरीदना पसंद करेंगे ।
 
==सुविधाएँ==
#'''सामग्री''' - संभावित जरूरत ग्राहकों के साथ ही रहे, बुनियादी और हितधारकों के मूल्यवान को वेब के माध्यम से प्रकाशित करे इनके प्रारंभिक उदाहरण विवर्णिक साइट्स के संगठन और यह सामग्री वेब पर वास्तविक सम में प्रकाशित किया जाता था। गूगल संगठन इन सब सामग्री को अनुक्रमण के मामले में सबसे आगे वेब पर दिखने में मदद करता आ रहा ।
#'''समुदाय''' -दर्शको को समुदाय के रूप में देखने के उद्देशय से और स्थायी संबंधों के निर्माण हेतु उन्हें मूर्त मूल्य उपलब्ध कराते है। प्रारंभिक में समुद्राय पंजीकरण के माध्यम से जुटाने के लिए ईमेल कार्यक्रमो इसका प्रारंभिक उदाहरण याहू है, समूह और सामाजिक नेटवर्क नवीनतम अवतार है जहाँ समुदाय में वार्तालाप होती है और फेसबुक सबसे पारस्परिक संपर्क के लिए मंच प्रदान करता है ।
#'''वाणिज्य''' - वेब के जरिए ग्राहकों की मांगो को पूरा किया जाता है, जैसे ऑनलाइन बैंक, बीमा कंपनिया, यात्रा की साइट्स जो व्यापारी से उपभोक्ता की सेवा को प्रदान कराता है। व्यापार से व्यापार की बहुत सारी साइट्स है जो हो स्टिंग के लिए सेवाओं की पूर्ति करता है ।
#'''प्रसंग''' - मोबाइल के माध्यम से ओनलाइन दुनिया और असली दुनिया को ट्रैक करने में सक्षम है, ऑनलाइन बिल भुगतान में ग्राहक गूगल में या फिर फेसबुक या भौतिक स्थान या गूगके चेकइन के जरिए ऑनलाइन ही कर सकता है, जो व्यापार के जगह की तरह होता है यह सामाजिक वाणिज्य के लिए महत्वपूर्ण तत्व है जहां उत्पादकों को ग्राहकों की सूचि के बारे में जानकर उन्हें सेवा प्रदान कर सकता है ।
#'''कनेक्शन''' -नई ऑनलाइन नेटवर्क लोगो के बीच संबंधो का दस्तावेजीकरण को परिभाषित करता है, यह संबंध भौतिक दुनिया या ऑनलाइन दुनिया के माध्यम से उत्पन्न हुए होंगें या दुसरो में पहली बार कनेक्शन के रूप में प्रकट हुआ होगा ग्राहकों के बीच में बातचीत का दायरा ही सामाजिक वाणिज्य का आधार है ।
#'''वार्तालाप''' - दो पक्षो के बीच बातचीत से संभावना है कि एक मांग को पूरा कर सकें या नई मांग पैदा हो जाए। इसलिए व्यापारी को आपूर्तिकर्ता बाजार उपलब्ध कराता है। व्यापारियो की चुनौती यह है कि वो इनके वार्तालाप को देखे ध्यान में रखकर उन्हें उत्पाद और सेवा प्रदान करे। सरल उदाहरण जहां ग्राहक के बातचीत और मांगो को दर्शाता हो ।