(dhule muncipal corporation : my)[लोकतंत्र का पुनर्जीवन]
[[लोकतंत्र पर जब जब खतरा मडराता है तब तब
कोई न कोई मसीहा राजनीति की प्रष्ठभूमि पर
अवतरित हो कर लोकतंत्र की काया मे जान
फूँकता आज ऐसा ही दिल्ली की राजनीति मे
हुआ जहाँ केजरी वाल के रूप मे एक राजनीतिक
सितारे का उदभव हुआ जिसने भाजपा और
कांग्रेस जैसी देश की सर्वोच्च राजनीतिक पार्टियों
को धूल चटा दी सही मायने मे लोकतंत्र यही
लोकतंत्र कभी भी किसी को भी अहंकारी नहीं
बनने देता जब जब किसी राजनीतिक ब्यक्ति का
अहंकार सिर चढ़ के बोलता है तो लोकतंत्र की
ताकत उसका यही हश्र करती है]]
(ललित कृष्ण हिन्दुस्तानी)
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