जन्म और बाल्य
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१९०३ वर्ष के 'अप्रैल'-मास की तीसरी (३/४/१९०३) दिनाङ्क पर [[गुजरातराज्य|गुजरातराज्य के]] [[खेडा जिला|खेडा जिले में]] मणिबेन का जन्म हुआ । उनके पिता [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] [[भारत|भारत के]] महान् नेताओं में और महान् देशभक्तों मैं से एक थे । उनके मातृश्री का नाम झवेरबा था । मणिबेन जब सात वर्षीया थी, तब उनके मातृश्री निधन हो गया । मणिबेन का एक अनुज भी था । अतः उसके पोषण का दायित्व बाल्यकाल से ही मणिबेन के उपर आ पड़ा ।
 
परिवार के सदस्य [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] को बहुत समझाय कि, वे पुनर्विवाह कर लें । परन्तु दृढमन वाले [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] बाले, “मैं विमाता का (Step mother's) दुःख अपने बच्चों के उपर डालना नहीं चाहता” । उसके बाद आजीवन मात का और पिता का दायित्व [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] ने वहन किया । झवेरबा की मृत्यु के एकवर्ष बाद हि [[सरदार वल्लभभाई पटेल]] को पढने के लिए विदेश जाना पड़ गया । अतः वोउन्होंने अपने बच्चों को अपने अग्रज विठ्ठलभाई के पास भेज दिया । तब विठ्ठलभाई [[मुम्बई]] में निवास करते थे । [[मुम्बई]] में क्वीन् मेरी विद्यालय में मणिबेन का अभ्यास आरम्भ हुआ । परन्तु [[मुम्बई]]-महानगर के वातावरण में मणिबेन अस्वस्थ रहती थी । वैद्यों के औषध देने के बाद भी उनके स्वास्थ्य में कोई परिवर्तन न हुआ । पिता के वियोग से उनकी स्थिति ऐसी हो गई है, ये भी एक कारण था ।
 
[[श्रेणी:क्रान्तिकारी महिलाएँ]]