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'''स्नेल का नियम''' तरंगों के [[अपवर्तन]] से सम्बन्धित एक नियम है।
'''स्नेल का नियम''' तरंगों के [[अपवर्तन]] से सम्बन्धित एक सूत्र (फॉर्मूला) है जो आपतन कोण तथा अपवर्तन कोण के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है। यह नियम निम्नलिखित है-
 
: '' आपतन कोण तथा अपवर्तन कोण के [[ज्या]]ओं का अनुपात दोनों माध्यमों में तरंग के फेज वेगों (phase velocities) के अनुपात के बराबर या दोनों माध्यमों के [[अपवर्तनांक|अपवर्तनांकों]] के अनुपात के व्युत्क्रम के बराबर होता है।''
 
दूसरे शब्दों में,
 
: \frac{\sin\theta_1}{\sin\theta_2} = \frac{v_1}{v_2} = \frac{n_2}{n_1}
 
यहाँ प्रत्येक कोण \theta दोनों माध्यमों की सीमारेखा के अभिलम्ब के सापेक्ष मापा जाता है। '''v''' दोनों माध्यमों में प्रकाश का वेग है, ''' n''' दोनों माध्यमों के अपवर्तनांक को अभिव्यक्त करता है।
 
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