"२ का वर्गमूल": अवतरणों में अंतर

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'''२ का वर्गमूल''' ( √2 ) वह संख्या है जिसको स्वयं से गुणा करने पर '''२''' प्राप्त होता है। यह एक [[अपरिमेय संख्या]] है। इसका मान लगभग 1.41421 होता है। ज्यामितीय दृष्टि से यदि १ मीटर भुजा वाला एक [[वर्ग]] बनाया जाय तो उसके विकर्ण की लम्बाई (मीटर में) का मान २ के वर्गमूल के बराबर होगा।
 
२ के वर्गमूल का दशमलव के ६५ स्थानों तक मान निम्नलिखित है-
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==इतिहास==
[[आपस्तम्ब शुल्बसूत्र]] में २ के वर्गमूल का मान निम्नलिखित श्लोक द्वारा दिया गया है-
 
:''समस्य द्विकरणी ।'''
:'''प्रमाणं तृतीयेन वर्धयेत्तच्च चतुर्थेनात्मचतुस्त्रिंशोनेन सविशेषः ।'''
 
:: ''[[वर्ग]] का विकर्ण (समस्य द्विकरणी) - इसका मान (भुजा) के तिहाई में इसका (तिहाई का) चौथाई जोड़ने के बाद (तिहाई के चौथाई का) ३४वाँ अंश घटाने से प्राप्त होता है।''
 
दूसरे शब्दों में,
 
:<math>1 + \frac{1}{3} + \frac{1}{3 \cdot 4} - \frac{1}{3 \cdot4 \cdot 34} = \frac{577}{408} = 1.414\overline{2156862745098039}.</math>
 
[[श्रेणी:गणित]]