"इराक़": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
इराक़ के इतिहास का आरंभ [[बेबिलोनिआबेबीलोनिया]] और उसी क्षेत्र में आरंभ हुए कई अन्य सभ्यताओं से होता है। लगभग 5000 ईसापूर्व से [[सुमेरिया]] की सभ्यता इस क्षेत्र में फल-फूल रही थी। इसके बाद बेबीलोनिया, [[असीरिया]] तथा [[अक्कद]] के राज्य आए। इस समय की सभ्यता को पश्चिमी देश एक महान सभ्यता के रूप में देखते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि लेखन का विकास सर्वप्रथम यहीं हुआ। इसके अलावा विज्ञान, गणित तथा कुछ अन्य विधाओं का सबसे आरंभिक प्रमाण भी यहीं मिलता है। इसका दूसरा प्रमुख कारण ये है कि मेसोपोटामिया (आधुनिक [[दज़ला]] और [[फ़ुरात]] नदियों की घाटी का क्षेत्र) को प्राचीन [[ईसाई]] और [[यहूदी]] कथाओं में कई पूर्वजों का निवास स्थान या कर्मस्थली माना गया है। आरंभ के यूरोपीय इतिहासकारों ने [[बाईबल]] के मुताबिक इतिहास की शुरुआत 4400 ईसापूर्व माना था। इसकारण [[बेबीलोन]] (जिसे ''बाबिली'' सभ्यता भी कहा जाता था) तथा अन्य सभ्यताओं को दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता माना गया। हँलांकि वैज्ञानिक विधियों से इसकी संतोषजनक पुष्टि होती है, इस बात को बाद के यूरोपीय इतिहासकारों ने मानने से मना कर दिया कि यहीं से इंसान की उत्पत्ति हुई थी। इस स्थल को यहूदियों तथा इसाईयों के (और इस कारण [[इस्लाम]] के कुछ) धर्मगुरुओं (पैग़म्बरों तथा मसीहों) का मूल-स्थल मानने पर अधिकांश इतिहासकार सहमत हैं।
 
[[फ़ारस]] के [[हख़ामनी]] (एकेमेनिड) शासकों की शक्ति का उदय ईसा के छठी सदी पूर्व हो रहा था। उन्होंने मीदियों तथा बाद के असीरियाइयों को हरा कर आधुनिक इराक़ पर कब्जा कर लिया। [[सिकन्दर]] ने 330 इसापूर्व में फ़ारस के शाह [[दारा तृतीय]] को कई युद्धों में हरा कर फ़ारसी साम्राज्य का अन्त कर दिया। इसके बाद इराकी भूभाग पर यवनों तथा बाद में रोमनों का आंशिक प्रभाव रहा। रोमनों की शक्ति जब अपने चरम पर थी (130 इस्वी) तब ये फ़ारस के [[पार्थियन|पार्थियनों]] के सासन में थी। इसके बाद तीसरा सदी के आरंभ में [[सासानी|सासानियों]] ने पार्थियनों को हराकर इराक़ के क्षेत्र पर अपना कब्जा बना लिया। इसके बाद से सातवीं सदी तक मुख्य रूप से यह पारसी सासानियों के शासन में ही रही। पश्चिमी पड़ोसी सीरिया से रोमनों ने युद्ध जारी रखा और इस बीच [[ईसाई धर्म]] का भी प्रचार हुआ।
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