"इराक़": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
चंद्र शेखर (वार्ता | योगदान) छोNo edit summary |
चंद्र शेखर (वार्ता | योगदान) छोNo edit summary |
||
पंक्ति 66:
|footnote4 = [https://www.cia.gov/library/publications/the-world-factbook/geos/iz.html सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक]
}}
'''इराक़''' पश्चिमी [[एशिया]] में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में [[सउदी अरब]] और [[कुवैत]], पश्चिम में [[जोर्डन]] और [[सीरिया]], उत्तर में [[तुर्की]] और पूर्व में [[ईरान]] अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह [[फ़ारस की खाड़ी]] से भी जुड़ा है। [[दजला नदी]] और [[
इराक़ के इतिहास में [[असीरिया]] के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से [[फ़ारस|फ़ारसी]] शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। [[अरब]] शासन के समय यहाँ [[इस्लाम धर्म]] आया और [[बगदाद]] [[अब्बासी]] खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में [[मंगोल]] आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों ([[उस्मानी साम्राज्य]]) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है।
पंक्ति 73:
== इतिहास ==
इराक़ के इतिहास का आरंभ [[बेबीलोनिया]] और उसी क्षेत्र में आरंभ हुए कई अन्य सभ्यताओं से होता है। लगभग 5000 ईसापूर्व से [[सुमेरिया]] की सभ्यता इस क्षेत्र में फल-फूल रही थी। इसके बाद बेबीलोनिया, [[असीरिया]] तथा [[अक्कद]] के राज्य आए। इस समय की सभ्यता को पश्चिमी देश एक महान सभ्यता के रूप में देखते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि लेखन का विकास सर्वप्रथम यहीं हुआ। इसके अलावा विज्ञान, गणित तथा कुछ अन्य विधाओं का सबसे आरंभिक प्रमाण भी यहीं मिलता है। इसका दूसरा प्रमुख कारण ये है कि मेसोपोटामिया (आधुनिक [[
[[फ़ारस]] के [[हख़ामनी]] (एकेमेनिड) शासकों की शक्ति का उदय ईसा के छठी सदी पूर्व हो रहा था। उन्होंने मीदियों तथा बाद के असीरियाइयों को हरा कर आधुनिक इराक़ पर कब्जा कर लिया। [[सिकन्दर]] ने 330 इसापूर्व में फ़ारस के शाह [[दारा तृतीय]] को कई युद्धों में हरा कर फ़ारसी साम्राज्य का अन्त कर दिया। इसके बाद इराकी भूभाग पर यवनों तथा बाद में रोमनों का आंशिक प्रभाव रहा। रोमनों की शक्ति जब अपने चरम पर थी (130 इस्वी) तब ये फ़ारस के [[पार्थियन|पार्थियनों]] के सासन में थी। इसके बाद तीसरा सदी के आरंभ में [[सासानी|सासानियों]] ने पार्थियनों को हराकर इराक़ के क्षेत्र पर अपना कब्जा बना लिया। इसके बाद से सातवीं सदी तक मुख्य रूप से यह पारसी सासानियों के शासन में ही रही। पश्चिमी पड़ोसी सीरिया से रोमनों ने युद्ध जारी रखा और इस बीच [[ईसाई धर्म]] का भी प्रचार हुआ।
|