"पृथ्वी सम्मेलन": अवतरणों में अंतर

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[[पर्यावरण]] में प्रदूषण के कारण पूरी पृथ्वी प्रदुषित हो रही है। वैज्ञानिकों और पर्यवरण विषेज्ञों का मानना है यही स्थित बनी रही तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं जिनमें पृथ्वी पर प्राणियों और वृक्षों का बने रहना कठिन होगा। इस प्रकार से भविष्य में मानव की [[सभ्यता]] का जीवन ही खतरे में पड़ रही है अर्थात् अंत नजदीक दिखाई दे रहा हैहै। , इसको मद्देनजर रखते हुए सन् 1992 में [[ब्राजील]] के [[रियो डी जेनेरियो]] शहर में विश्व के 174 देशों ने '''पृथ्वी सम्मेलन''' का आयोजन किया गया था
 
इसके पश्चात सन् 2002 में [[दक्षिण अफ्रीका]] के शहर [[जोहान्सबर्ग]] में '''पृथ्वी सम्मेलन''' का आयोजन करकरके संसार के सभी राष्ट्रों को [[पर्यावरण संरक्षण]] पर ध्यान आकृष्टआकर्षित करने के लिए मजबूरज़ोर कर दिया था। <ref>http://hindi.indiawaterportal.org/node/32576</ref>
<ref>http://hindi.indiawaterportal.org/node/32576</ref>
 
==संदर्भ==
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