"धार ज़िला": अवतरणों में अंतर

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धार जिले के बाग प्रिंट के बारे में जानकारी डाली
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'''धार जिला''' तीन भौगोलिक खंडों में फैला हुआ है जो क्रमशः उत्तर में मालवा, विंध्यांचल रेंज मध्य क्षेत्र में तथा दक्षिण में नर्मदा घाटी। हालांकि घाटी पुनः दक्षिण-पश्चिम की पहाड़ियों द्वारा बंद होती है। धार जिला भारत के सांस्कृतिक मानचित्र में प्रारंभ से ही रहा है। लोगों ने अपने आपको ललित कला, चित्रकारी, नक्काशी, संगीत व नृत्य इत्यादि में संलिप्त रखा था। इस संपूर्ण जिले में बहुत से धार्मिक स्थल हैं, जहां वार्षिक मेलों के आयोजन में हजारों लोग एकत्र होते हैं। इस जिले का मुख्या लय [[धार]] शहर है।
 
धार जिला ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पहले यह धार नगरी के नाम से जाना जाता था। 1857 स्वतंत्रता की लड़ाई में भी धार महत्वपूर्ण केंद्र था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने धार के किले पर अपना कब्जा कर लिया था। दूसरी ओर बाग भी अंतराष्ट्रिय एवं राष्ट्रीय महत्व का स्थान है। बाग नदी के किनारे स्थित गुफाएं ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। यहां पर 5वीं और 6वीं शताब्दी की चित्रकला भी है। यहां भारतीय चित्रकला का अनूठा नजारा देखने को मिलता है। यहां की बौद्धकला भारत ही नहीं एशिया में भी प्रसिद्ध है।है, तथा बाग की परम्परागत बाग प्रिंट बहुत मसहूर हे। बाग प्रिंट का कार्य पुर्णतः प्राकर्तिक रंगो से लकड़ी के ब्लॉक (भातो) से किया जाता हे, बाग प्रिंट को अंतराष्ट्रिय ख्याती दिलाने में शिल्पकार मोहम्मद युसूफ खत्री की अहम भूमिका हे।
 
== मुख्य आकर्षण ==