"चारू मुजुमदार": अवतरणों में अंतर

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चारू का जन्म 1918 में [[सिलीगुड़ी]] में हुआ। उसके पिता एक [[भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम|स्वतन्त्रता सेनानी]] थे। उसने 1938 में कॉलेज छोड़ दिया था। 1946 में वह [[तेभागा आन्दोलन]] से जुड़ गए थे। उन्हें थोड़े से समय के लिए 1962 में जेल में बन्द किया गया था।
 
1937-38 में कॉलेज की पढ़ाई को छोड़कर चारू [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] से जुड़ गए और [[बीड़ी]] कर्मचारियों को संगठित करने के प्रयास में जुट गए। इसके पश्चात वह [[भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी]] में शामिल हो गए ताकि इसकी किसान शाखा के लिए काम कर सकें। जल्द ही उनके नाम एक गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी हुआ जिसके कारण उन्हें बाएँ कार्यकर्ता के रूप में पहली बार भूमिगत होना पड़ा। हालांकि सी पी आई को प्रथम विश्व युद्ध के समय प्रतिबंधित किया गया था, वह सी पी आई की गतिविधियों को किसानों के बीच जारी रखे और [[जलपुरिगंजजलपुरीगंज]] जिला कमिटि के 1942 में सदस्य बन गए थे। इस प्रगति से प्रेरित होकर चारू ने ''फ़सल को क़बज़े लेने का अभियान'' [[जलपुरीगंज]] में [[भारत में अकाल|1943 के बड़े अकाल]] के दौरान सफलतापूर्वक चलाया। 1946 में वह [[तेभागा आन्दोलन]] से जुड़े और उत्तर बंगाल के कामगारों के लिए हथियारबंद आन्दोलन शुरू किया। इसके पश्चात वह कुछ समय के लिए [[दार्जीलिंग जिला|दार्जीलिंग]] के चाय के बागानों के कर्मचारियों के बीच काम करते रहे।
 
==सन्दर्भ==