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त्रिस्तरीय पंचायत Three-tier panchayat
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''''''कार्य पालन अभियन्ता वास्तव मे एक सम्भाग का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होत है जिसे अग्रेजी मे E.E. (Exicutive Engineer)''''''
कार्यपालन अभियंता एक संभाग का प्रमुख होता है जिसे अंग्रेजी में इ इ कहा जाता है जिसका अर्थ एक्सक्यूटिव इंजीनियर होता है इस तरह की व्यवस्था हमारे देश में प्रमुखता उन विभागों में होता है जहा तकनिकी ज्ञान की ज्यादा आवश्यकता होती है जैसे सिचाई विभाग, विधुत विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग आदि।
 
 
'''त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था'''
हमारे देश में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था है जिसे हम जिला पंचायत, जनपद पंचायत. ग्राम पंचायत, के रूप में जानते है। प्रत्येक जिले में एक जिला पंचायत होती है जिला पंचायत के अधीन जनपद पंचायते होती जो उस जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में होता है और जनपद के अधीन उस विकासखण्ड की ग्राम पंचायत होती है। जिला पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख मुख्यकार्यपालन अधिकारी होता है जिसे सी ई.ओ. जिला पंचायत कहा जाता है जिसका अर्थ होता है चीफ एक्सिक्यूटिव अफसर इस पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा आई.ए एस. स्तर के अधिकारी को ही दिया जाता है राजनितिक प्रमुख के पद को जिला पंचायत अध्यक्ष कहा जाता है जिसका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप के सम्बंधित जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य अपने में से करते है मुख्यतः एक जिला पंचायत में १० से २० सदस्य हो सकते है जो अपने अपने जिला निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाते है वस्तुतः जिले की सम्पूर्ण ग्राम पंचायतो को जिला निर्वाचन क्षेत्र के रूप में बाटा जाता है एक निर्वाचन क्षेत्र में कितने ग्राम पंचायतो को शामिल किया जायेगा इसका निर्धारण जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा किया जाता है मूल रूप से इसका आधार जनसख्या होता है इस प्रकार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से एक सदस्य का चुनाव सम्बंधित क्षेत्र की जनता करती है। जिला पंचायतो के सदस्यों की बैठक जिसे सामान्य सभा की बैठक कहा जाता है मुख्यतः माह में काम से काम एक बार अवश्य होती है सदस्य अपने में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चुनाव करती है। ठीक उसी प्रकार जनपद पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालन अधिकारी होता है जिसे सी ई.ओ. जनपद पंचायत अर्थात चीफ एक्सिक्यूटिव अफसर जनपद पंचायत कहा जाता है। लेकिन ये आई.ए एस. स्तर के अधिकारी नहीं होते है वरन ग्रेड २ स्तर के अधिकारी होते है। राजनितिक प्रमुख के तौर पर एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष और जनपद सदस्य होते है जिनका चयन उस जनपद अर्थात विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतो को जनपद क्षेत्र में बाटा जाता है जिसका आधार जनसख्या ही होता है जिसका निर्धारण जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा किया जाता है प्रत्येक जनपद क्षेत्र से एक सदस्य चुना जाता है अध्यक्ष एवं अपाध्यक्ष का चुनाव सदस्य अपने में से करते है। अब आते है ग्राम पंचायत में एक ग्राम पंचायत में एक या एक से अधिक गॉव हो सकते है कितने गॉव होगे ये जनसख्या पर निर्भर करता है ग्राम पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख पंचायत सचिव होता है जिसे सेक्रेटरी ऑफ़ पंचायत कहा जाता है, राजनितिक प्रमुख सरपंच होता है जिसका निर्वाचन सम्बंधित ग्राम पंचायत की जनता के द्वारा किया जाता है सरपंच के आलावा पंच होते है वस्तुतः एक ग्राम पंचायत को सामान्यतः ५ वार्डो में जनसख्या के अनुपात में बाटा जाता है प्रत्येक वार्डो से एक पंच का निर्वाचन सम्बंधित वार्डो की जनता के द्वारा गुप्त मतदान से होता है।