"पाली जिला": अवतरणों में अंतर

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| नगर का नाम =narshingpura
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'''पाली जिला''' [[भारत]] के [[राजस्थान]] प्रान्त का एक जिला है जिसकी पूर्वी सीमाएं [[अरावली पर्वत]] श्रृंखला से जुड़ी हैं। इसी सीमाएं उत्तर में [[नागौर]] और पश्चिम में [[जालौर]] से मिलती हैं। पाली शहर पालीवाल ब्राह्मणों का निवास स्थान था जब मुगलों ने कत्लेआम मचा दिया तो उन्हें यह शहर छोड़ कर जाना पड़ा। वीर योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म भी यहीं पर अपने ननिहाल में हुआ था। यह नगर तीन बार उजड़ा और बसा। यहां के प्रसिद्ध जैन मंदिर भक्तों के साथ-साथ इतिहासवेत्ताओं को भी आकर्षित करते हैं। ये राजपूत वर्चस्व वाला जिला है <ref>http://www.theweekendleader.com/Causes/1289/ready-for-challenge.html</ref>यहाँ सभी सामान्य सीटो के 5 प्रधान राजपूत है और 10585 सरपंच राजपूत है साथ ही एक मंत्री भी इसी समाज से है यहाँ मात्र 6% राजपूत प्रतिशत हैं<ref>http://www.centenarynews.com/article?id=932</ref>
== इतिहास ==
पाली जिला के मारवाड तहसील के अन्‍तर्गत धनला गांव का इतिहास बहुत पुराना है स्‍थानीय गांव के अन्‍तर्गत शोभा कोट नामक पहाडी है जंहा पर राव रीडमल रहते थे राव रीडमल के 29 पुत्र थे जिसमें पांचवे पुत्र राव जोधा थे जिन्‍होने जोधपुर की स्‍थापना की को राव के 23 वे पुत्र राव सायरसिंह उर्फ शेरसिहं थे जो कारण वश ध्‍ानला की एक नाडी मे डुबने से देवलोकगमन हो गये तथा ग्रामीणो ने उनका भव्‍य मंदिर बनाया जो आज सारजी महाराज उर्फ भुरा राठौड के नाम से प्रसिद्व है इस गांव का इतिहास बहुत बडा है इस गांव मे ग्राम पंचायत, सनीयर सैकडरी सहित पांच विघालय है गामीण बैक एक सरकारी व 2 निजी अस्‍पताल है तथा राजनीती मे कांबिना मंत्री नरेन्‍द्र कंवर व विधायक केसाराम चौधरी इस गांव के है