"रिले": अवतरणों में अंतर
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== कार्य करने का सिद्धांत ==
[[चित्र : Relais.gif |right|thumb| रिले के कार्य करने का सिद्धांत]]
प्रत्येक रिले में एक चुम्बकीय परिपथ होता है जिसका एक बड़ा भाग लौहचुम्बकीय पदार्थ से बना होता है तथा एक छोटा सा भाग में फ्लक्स हवा से होकर गुजरने को बाध्य होती है जिसे 'एअर-गैप' कहते हैं। जब रिले के कुण्डली में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इस एअर-गैप के दोनों सिरों के बीच एक बल कार्य करता है जो इस गैप को कम करने की कोशिश करता है। रिले के चुम्बकीय परिपथ की रचना इस प्रकार की गयी होती है कि इसमे एक लाचीलेदार लौहचुम्बकीय भाग बी रहता है। रिले की कुनादाली (क्वायल) को धारा देने पर यह लाचीलेदार भाग खींच लिया जाता है। इस भाग से ही यांत्रिक लिंक बनाते हुए 'चलायमान सम्पर्क' (मूवेबल कान्टेक्ट) होते हैं जो कि बंद या खुल जाते हैं।
== रिले के प्रकार ==
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