"पुनर्जागरण": अवतरणों में अंतर

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एक ओर साहित्य पुरातत्ववेदी प्राचीन ग्रीक और लैटिन लेखकों की नकल कर रहे थे, दूसरी ओर कलाकार, प्राचीन [[कला]] के अध्येता प्रयोगों में रुचि ले रहे थे और नई पद्धतियों का निर्माण कर कुछ सुप्रसिद्ध कलाकार जैसे [[लिओनार्दो दा विंची]] और [[माइकल एंजेलो]] नवोदित युग का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। लिओनार्दो दा विंची [[मूर्ति]]कार, [[वैज्ञानिक]] आविष्कारक, वास्तुकार, इंजीनियर, [[बैले]] (Ballet) नृत्य का आविष्कारक और प्रख्यात बहुविज्ञ था। इतालवियों ने [[चित्रकला]] में विशेष उत्कर्ष प्रदर्शित किया। यद्यपि प्रयुक्त सामग्री बहुत सुंदर नहीं थी, तथापि उन चित्रकारों की कला यथार्थता, प्रकाश, छाया और दृश्य-भूमिका की दृष्टि से पूर्ण हैं। द विंसी और माइकेल एंजेलो के अतिरिक्त [[राफेल]] इटली के श्रेष्ठ चित्रकार हुए हैं। [[ड्यूयूरेस]] और [[हालवेन]] महान [[उत्कीर्णन|उत्कीर्णक]] हुए हैं। [[मूर्तिकला]], यूनानी और रोमनी का अनुसरण कर रही थी। लारेंजों गिवर्टी चित्रशिल्पी पुनर्जागरणकालीन शिल्पकला का प्रथम महान अग्रदूत था। रोबिया अपनी चमकीली [[मीनाकारी]] के लिए विख्यात था तो एंजेलो अपने को शिल्पकला में महानतम व्यक्ति मानता था, यद्यपि वह अन्य कलाओं में भी महान था। इतालवी पुनर्जागरण कालीन [[ललित कला|ललित कलाओं]] में [[वास्तुकला]] के उत्थान का अंश न्यूनतम था। फिर भी मध्ययुगीन और प्राचीन रूपों के एक विशेष पुनर्जागरण शैली का आविर्भाव हुआ।
 
यूनानी और रोमनी साहित्य का अनुशीलन, पुनर्जागरण का मुख्य विशेषता थी। प्रत्येक शिक्षित यूरोपवासी के लिए [[यूनानी]] और [[लैटिन]] की जानकारी अपेक्षित थी और यदि कोई स्थानीय भाषा का प्रयोग करता भी था, तो वह उसे क्लैसिकल रूप के सदृश क्लैसिकल नामों, संदर्भों और उक्तियों को जोड़ता और [[होमर]], [[मैगस्थनीज़]], [[वरजिल]] या [[सिसरो]] के अलंकारों, उदाहरणों से करता था। क्लेसिसिज्म के पुनरुत्थान के साथ [[मानववाद]] की भी पनपा। मानववाद का सिद्धांत था कि लौकिक मानव के ऊपर अलौकिकता, धर्म और वैराग्य को महत्व नहीं मिलना चाहिए। मानवबाद ने स्वानुभूति और पर्यावरण के विकास अंत में [[व्यक्तिवाद]] को जन्म दिया। 15वीं शती में एक तीक्ष्ण मानववादी इतिहासकार [[लारजोलारेंजो वैला]] ने(Lorenzo तीक्ष्णValla) इतिहासकार द्वाराने यह सिद्ध किया कि सम्राट् [[कांस्टैटाइन]] का [[चर्च]] को वाकथिततथाकथित दान (Donation of Constantine) वास्तव में जालसाजी था।
 
पुनर्जागरण सचमुच वर्तमान युग के आरंभ का प्रधान विषय है। साइमों (Symonds) के अनुसार यह मनुष्यों के मस्तिष्क में परिवर्तन से उत्पन्न हुआ। अब यह व्यापक रूप से मान्य है कि सामाजिक और आर्थिक मूल्यों ने व्यक्ति की जीवनधारा को मोड़ते हुए [[इटली]] और [[जर्मनी]] में एक नए और शक्तिशाली मध्यवृत्तवर्ग को जन्म दिया और इस प्रकार बौद्धिक जीवन में एक [[क्रांति]] पैदा की। पुनर्जागरण और [[यूरोपीय धर्मसुधार|सुधार आंदोलन]] के विषय में चर्चा करते हुए साइमों ने इन दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध सिद्ध किया; किंतु [[लार्ड ऐक्टन]] ने साइमों की आलोचना करते हुए दोनों की मूल भावना के बीच अंतर की ओर संकेत किया। दोनों आंदोलन प्राचीन पंरपराओं से प्रेरणा करते थे और नए सांस्कृतिक मूल्यों का निर्माण करते थे।