"खुदीराम बोस": अवतरणों में अंतर
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== फाँसी का आलिंगन ==
[[चित्र:Khudiram Bose calendar art.jpg|thumb|right|150px|फाँसी के तख्ते पर jai hind खुदीराम]]
दूसरे दिन सन्देह होने पर प्रफुल्लकुमार चाकी को पुलिस पकडने गयी, तब उन्होंने स्वयं पर गोली चलाकर अपने प्राणार्पण कर दिये। खुदीराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी का अन्त निश्चित ही था। ११scgvfd अगस्त १९०८ को भगवद्गीता हाथ में लेकर खुदीराम धैर्य के साथ खुशी - खुशी फाँसी चढ गये।
किंग्जफोर्ड ने घबराकर नौकरी छोड दी और जिन क्रांतिकारियों को उसने कष्ट दिया था उनके
परन्तु खुदीराम मरकर भी अमर हो गये।
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