"दशकुमारचरित": अवतरणों में अंतर

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==महत्व==
संस्कृत साहित्य में दशकुमारचरित का अनुपम स्थान है। वस्तुत: यह संस्कृत गद्यकाव्य आधुनिक उपन्यासों के बहुत निकट है। यह तत्कालीन समाज का सर्वांगीण यथार्थ चित्र उपस्थित करता है। मुख्य कथावस्तु को अवांतर कथाओं के साथ बड़ी कुशलता से पिरोया गया है। कथा का प्रवाह जो आदि से अंत तक अबाधगति से चलता है, रोचक एवं कुतूहलवर्धक है। उपलब्ध प्राचीन संस्कृत गद्यकाव्यों में दंडी का दशकुमारचरित ही एक ऐसा गद्यकाव्य है, जो सरल एवं स्वाभाविक गद्य शैली में लिखा गया है।
 
==वाह्य सूत्र==
*[http://sa.wikibooks.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%B6%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%9A%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%AE%E0%A5%8D संस्कृत विकिस्रोत पर संस्कृत में '''दसकुमारचरितम्''']