"जोरहाट": अवतरणों में अंतर
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इसकी स्थापना निरंजन पाठकदेव ने की थी। यह सतरा अपने पालनाम और अप्सराओं के नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। इसमें पर्यटक प्राचीन असम के बर्तनों, आभूषणों और हस्त निर्मित वस्तुओं को भी देख सकते हैं।
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बेदुलापदम अता ने इस सतरा की स्थापना की थी। यह सतरा वैष्णव धर्म का मुख्य तीर्थस्थान है। तीर्थस्थान होने के साथ ही यह कला, साहित्य, शिक्षा और संस्कृति का मुख्य केन्द्र भी है। इसकी एक शाखा भी है। इस शाखा का नाम उत्तर
=== बेंगेनाती सतरा ===
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