"अफसरशाही": अवतरणों में अंतर

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किसी बड़ी [[संस्था]] या [[सरकार]] के परिचालन के लिये निर्धारित की गयी संरचनाओं एवं नियमों को समग्र रूप से '''अफसरशाही''' या ब्यूरोक्रैसी (Bureaucracy) कहते हैं। [[तदर्थशाही]] (adhocracy) के विपरीत इस तंत्र में सभी प्रक्रियाओं के लिये मानक विधियाँ निर्धारित की गयी होती हैं और उसी के अनुसार कार्यों का निष्पादन अपेक्षित होता है। शक्ति का औपचारिक रूप से विभाजन एवं पदानुक्रम (hierarchy) इसके अन्य लक्षण है। यह [[समाजशास्त्र]] का प्रमुख परिकल्पना (कांसेप्ट) है।
 
अफरशाही के निम्नलिखितकी प्रमुख विशेषताएँ ये हैं-
; अफसरशाही के प्रमुख घटक एवं लक्षण
अफरशाही के निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएँ हैं-
# कर्मचारियों एवं अधिकारियों के बीच अच्छी प्रकार से परिभाषित प्रशासनिक कार्य का विभाजन
# कर्मियों की भर्ती एवं उनके कैरीअर की सुव्यवस्थित एवं तर्कसंगत तंत्र
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नौकरशाही व्यवस्थाओं में [[पदसोपान]] (हाइरार्की) का सिद्धान्त लागू होता है तथा लिखित दस्तावेजों, फाइलों, अभिलेखों तथा आधुनिक दफ्तर प्रबन्ध के उपकरणों पर निर्भर रहा जाता है। अधिकारियों को प्रबन्धकीय नियमों में प्रशिक्षण के बाद कार्य करने की व्यवस्था होती है।
 
एम.एम. मार्क्स ने पदसोपान, क्षेत्राधिकार, विशेषीकरण, व्यावसायिक प्रशिक्षण, निश्चित वेतन एवं स्थायित्व को नौकरशाही संगठन की विशेषताएँ स्वीकार किया है। प्रोफेसर [[हेराल्ड लास्की]] ने नौकरशाही एक ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था को माना है जिसमें मे जवत[[मेज]]वत कार्य के लिए उत्कण्ठा, नियमों के लिए लोचशीलता का बलिदान, निर्णय लेने में देरी और नवीन प्रयोगों का अवरोध, रूढीवादी दृष्टिकोण आदि बातें प्रभावशाली रहती है।
 
उपरोक्त विवेचन से नौकरशाही का एक ऐसा स्वरूप हमारे सामने स्पष्ट होता है जिसमें लोकशाही के प्रति एक गलत तस्वीर समाज के समक्ष आती है जो कि वस्तुतः सत्य भी है। आज लोकशाही का उत्तरदायीपूर्ण एवं प्रतिनिधिपूर्ण स्वरूप शंकाओं से ग्रसित है जिसे प्राप्त करने के लिए पुन: प्रयास करना चाहिए वरना समाज का विकास अवरूद्ध हो जायेगा।
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अमेरिकन एनसाइक्लोपीडिया के अनुसार 'नौकरशाही' संगठन का वह रूप है जिसके द्वारा सरकार ब्यूरो के माध्यम से संचालित होती है। प्रत्येक ब्यूरो कार्य की एक विशेष शाखा का प्रबन्ध करता है। प्रत्येक ब्यूरों का संगठन, पद–सोपान से युक्त होता है। इसके शीर्ष पर अध्यक्ष होता है जिसके हाथ में सारी शक्तियाँ रहती है। नौकरशाही प्राय: प्रशिक्षित व अनुभवी प्रशासक होते है। वे बाहर वालों से बहुत कम प्रभावित होते है। उनमें एक जातिगत भावना होती है तथा वे लालफीताशाही एवं औपचारिकताओं पर अधिक जोर देते हैं।
 
[[ड्यूबिन]] के अनुसार
ड्यूबिन के अनुसार :''नौकरशाही तब अस्तित्व में आती है जबकि निर्देशन के लिए बहुत सारे लोग होते है। ज्यों–ज्यों संगठन का आकार बढ़ता है त्यों–त्यों यह जरूरी बन जाता है कि निर्देश के कुछ कार्य हस्तान्तरित कर दिये जाये। यह नौकरशाही के उदय के लिए पहली शर्त है।''
 
नौकरशाही का स्वरूप प्रत्येक राष्ट्र में भिन्न होता है क्योंकि यह वहाँ के समाज की संस्थाओं तथा मूल्यों की अभिव्यक्ति करती है। नौकरशाही की एक सामान्य विशेषता यह है कि यह परिवर्तन का विरोध और शक्ति की कामना करती है। मैक्स वेबर ने बड़े आकार के संगठन का एक आदर्श रूप प्रस्तुत किया है। यह आदर्श (मॉडल) अनुसंधान का एक प्रभावशाली साधन है।