"स्वस्तिक मन्त्र": अवतरणों में अंतर
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'''स्वस्तिक मंत्र''' या '''स्वस्ति मन्त्र''' शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है।
गृहनिर्माण के समय स्वस्तिक मंत्र बोला जाता है। मकान की नींव में घी और दुग्ध छिड़का जाता था। ऐसा विश्वास है कि इससे गृहस्वामी को दुधारु गाएँ प्राप्त हेती हैं एवं गृहपत्नी वीर पुत्र उत्पन्न करती है। खेत में बीज डालते समय मंत्र बोला जाता था कि विद्युत् इस अन्न को क्षति न पहुँचाए, अन्न की विपुल उन्नति हो और फसल को कोई कीड़ा न लगे। पशुओं की समृद्धि के लिए भी स्वस्तिक मंत्र का प्रयोग होता था जिससे उनमें कोई रोग नहीं फैलता था। गायों को खूब संतानें होती थीं।
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==इन्हें भी देखें==
*[[मंत्र]]
*[[धारणी]]
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]
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