"शिव कुमार बटालवी": अवतरणों में अंतर

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| genre = [[कविता]], [[ग़ज़ल]], [[नज़्म]] [[गद्य]], [[नाटक]]
| subject = [[दर्द]], [[प्रेम]], [[विरह]]
| movement = [[romanticism]]
| notableworks =''लूना'' (1965)
| influences =
| influenced =
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| website = http://www.batalvi.org/
}}
'''शिव कुमार 'बटालवी'''' ({{lang-pa|ਸ਼ਿਵ ਕੁਮਾਰ ਬਟਾਲਵੀ}}) (1936 -1973) [[पंजाबी भाषा]] के एक विख्यात कवि थे, जो उन रोमांटिक कविताओं के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जिनमें भावनाओं का उभार, करुणा, जुदाई और प्रेमी के दर्द का बखूबी चित्रण है।<ref>नलिनी नटराजन द्वारा ''हैंडबुक ऑफ़ ट्वेंटीएथ-सेंचरी लिट्रेचर्स ऑफ़ इंडिया'', इममैन्युल सैमपाथ नेल्सन. ग्रीनवुड प्रेस, 1996. ISBN 0-313-28778-3. ''पृष्ठ 258'' .</ref>
 
वे 1967 में साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के साहित्यकार बन गये, जिसे [[भारतीय साहित्य अकादमी|साहित्य अकादमी]] (भारत की साहित्य अकादमी) उनके [[पूरण भगत]] की प्राचीन कथा पर आधारित महाकाव्य नाटिका '' लूना '' (1965)<ref>[http://www.sahitya-akademi.gov.in/old_version/awa10316.htm#punjabi पंजाबी भाषा की सूची के पुरस्कार] साहित्य अकादमी पुरस्कार आधिकारिक लिस्टिंग.</ref> के लिए दिया, जिसे आधुनिक पंजाबी साहित्य की एक महान कृति माना जाता है <ref>[https://archive.is/20130113173505/www.dailytimes.com.pk/print.asp?page=2006%5C11%5C16%5Cstory_16-11-2006_pg13_4 विश्व कला प्रदर्शन समारोह: कला के छात्रों से विदेशी कलाकार विस्मित हो गए] ''डेली टाइम्स (पाकिस्तान)'', 16 नवम्बर 2006.</ref> और जिसने आधुनिक पंजाबी किस्सागोई की एक नई शैली की स्थापना की।<ref>[http://www.tribuneindia.com/2003/20030504/spectrum/book6.htm शिव कुमार] ''द ट्रिब्यून'', 4 मई 2003.</ref> आज उनकी कविता आधुनिक पंजाबी कविता के [[अमृता प्रीतम]] और मोहन जैसे दिग्गजों के बीच बराबरी के स्तर पर खड़ी है,<ref>[http://www.tribuneindia.com/2004/20040111/spectrum/book10.htm आधुनिक पंजाबी प्यार के कविता के पायनियर्स] ''द ट्रिब्यून'', 11 जनवरी 2004.</ref>जिनमें से सभी भारत- पाकिस्तान सीमा के दोनों पक्षों में लोकप्रिय हैं। <ref>[https://archive.is/20120910033903/www.dailytimes.com.pk/default.asp?page=story_19-5-2004_pg3_5 बटाला घटना] ''डेली टाइम्स (पाकिस्तान)'', 19 मई 2004.</ref>.