"उर्स": अवतरणों में अंतर
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[[दक्षिण एशिया]] में '''उर्स''' ([[अरबी]]: عرس, शाब्दिक "शादी"), आमतौर पर किसी [[सूफीवाद|सूफी संत]] की पुण्यतिथि पर उसकी [[दरगाह]] पर वार्षिक रूप से आयोजित किये जाने वाले उत्सव को कहते हैं। दक्षिण एशियाई सूफी संत मुख्य रूप से चिश्तिया कहे जाते हैं और उन्हें परमेश्वर का प्रेमी समझा जाता है। किसी सूफी संत की मृत्यु को ''विसाल'' कहा जाता है जिसका अर्थ प्रेमियों का मिलाप होता है और उनकी बरसी को शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है।
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