"रणथम्भोर दुर्ग": अवतरणों में अंतर
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चंद्र शेखर (वार्ता | योगदान) छो →शासक |
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=== शासक ===
११९२ में [[तराइन का युद्ध|तहराइन के युद्ध]] में [[मुहम्मद गौरी]] से हारने के बाद [[दिल्ली]] की सत्ता पर [[पृथ्वीराज चौहान]] का अंत हो गया और उनके पुत्र गोविन्द राज ने रणथंभोर को अपनी राजधानी बनाया। गोविन्द राज के अलावा वाल्हण देव, प्रहलादन, वीरनारायण, वाग्भट्ट, नाहर देव, जैमेत्र सिंह, [[हम्मीर चौहान|हम्मीरदेव]], [[महाराणा कुम्भा]], [[राणा सांगा]], [[शेर शाह सूरी|शेरशाह सुरी]], [[अलाउद्दीन खिलजी|अल्लाऊदीन खिलजी]], राव सुरजन हाड़ा और मुगलों के अलावा [[आमेर]] के राजाओं आदि का समय-समय पर नियंत्रण रहा लेकिन इस दुर्ग की सबसे ज्यादा ख्याति हम्मीर देव (1282-1301) के शासन काल मे रही |
=== आक्रमण ===
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=== वर्तमान ===
कई ऐतिहासिक घटनाओं व [[हम्मीर चौहान|हम्मीरदेव चौहान]] के हठ और शौर्य के प्रतीक इस दुर्ग का जीर्णोद्धार [[जयपुर]] के राजा
==चित्रावली==
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