"चैतन्य महाप्रभु": अवतरणों में अंतर
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== अध्यात्म ==
लोग चैतन्य को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार मानते हैं। इसके कुछ
इनका लिखा कोई ग्रन्थ या पाठ नहीं उपलब्ध है। मात्र आठ श्लोक ही उपलब्ध हैं।<ref name = "सहित्य संग्रह "/> इसे [[शिक्षाष्टक]] कहते हैं। किंतु गौरांग के विचारों को श्रीकृष्णदास ने ‘चैतन्य-चरितामृत में संकलित किया है। बाद में भी समय समय पर रूप जीव और सनातन गोस्वामियों ने अपने-अपने ग्रन्थों में चैतन्य-चरित-प्रकाश किया है। इनके विचारों का सार यह है कि:-
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== यह भी देखें ==
* [[श्री चैतन्य महाप्रभु (1954 फ़िल्म)]]
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<references/>
== बाहरी
* [http://www.gaudiya.com/ गौड़ीय संप्रदाय] चैतन्य की परंपरा {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
* [http://www.krishna.com/ Krishna.com] कृष्ण पर सभी कुछ {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
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