"स्कन्द पुराण": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: अनुभाग शीर्षक एकरूपता।
पंक्ति 53:
इसमे महाकालवन का आख्यान, ब्रह्माजी के मस्तक का छेदन, प्रायश्चित विधि अग्नि की उत्पत्ति देवताओं का आगमन देवदीक्षा नाना प्रकार के पातकों का नाश करने वाला शिवस्तोत्र कपालमोचन की कथा, महाकालवन की स्थिति, ककलेश्वर का महापापनाशक तीर्थ अप्सराकुण्ड, पुण्यदायक रुद्रसरोवर, कुटुम्बेश विध्याधरेश्वर तथा मर्कटेश्वर तीर्थ का वर्णन है, तत्पश्चात स्वर्गद्वार चतु:सिन्धुतीर्थ, शंकरवापिका, शंकरादित्य, पापनाशक गन्धवतीर्थ, दशाश्वमेघादि तीर्थ, अनंशतीर्थ हरिसिद्धिप्रदतीर्थ पिशाचादियात्रा, हनुमदीश्वर कवचेश्वर महाकलेश्वरयात्रा, वल्मीकेश्वर तीर्थ, शुक्रेश्वर और नक्षत्रेश्वर तीर्थ का उपाख्यान, कुशस्थली की परिक्रमा अक्रूर तीर्थ एकपादतीर्थ चन्द्रार्कवैभवतीर्थ, करभेषतीर्थ, लडुकेशतीर्थ, मार्कण्डेश्वरतीर्थ, यज्ञवापीतीर्थ, सोमेशवरतीर्थ, नरकान्तकतीर्थ, केदारेश्वर रामेश्वर सौभागेश्वर, तथा नरादित्य तीर्थ, केशवादित्य तीर्थ, शक्तिभेदतीर्थ स्वर्णसारमुख तीर्थ, ऊँकारेश्वरतीर्थ, अन्धकासुर के द्वारा स्तुति कीर्तन कालवन में शिव लिंगों की संख्या तथा स्वर्णश्रंगेश्वर तीर्थ का वर्णन है। कुशस्थली अवन्ती एवं उज्ज्यनीपुरी के पद्मावती कुमुद्वती अमरावती विशाला तथा प्रतिकल्पा इन नामों का उल्लेख है, इनका उच्चारण ज्वर की शान्ति करने वाला है, तत्पश्चत शिप्रा में स्नान आदि का फ़ल नागों द्वारा की हुई भगवान शिवकी स्तुति हिरण्याक्ष वध की कथा सुन्दरकुण्डतीर्थ नीलगंगा पुष्करतीर्थ विन्ध्यवासनतीर्थ पुरुषोत्तमतीर्थ अघनाशनतीर्थ गोमतीतीर्थ वामनकुण्डतीर्थ विष्णुसहस्त्रनाम कीर्तन वीरेश्वरतीर्थ कालभैरवतीर्थ नागपंचमी की महिआ नृसिंहजयन्ती कुटुम्बेश्वरयात्रा देवसाधककीर्तन, कर्कराजतीर्थ, विघ्नेशादितीर्थ, सुरोहनतीर्थ, का वर्णन किया गया है। रुद्रकुण्ड आदि में अनेक तीर्थों का निरूपण किया गया है, तदनन्तर आठ तीर्थों की पुण्यमयी तीर्थयात्रा का विवरण है। इसके बाद नर्मदा नदी का माहात्मय बताया गया है, जिसमें युधिष्ठर के वैराग्य तथा मार्कण्डेयजी के साथ उनके समागम का वर्णन है। इसके बाद पहले प्रलयकालीन समय का अनुभव का वर्णन अमृतकीर्तन कल्प कल्प में नर्मदा के अलग अलग नामों का वर्णन नर्मदाजी का आर्षस्तोत्र कालरात्रि की कथा, महादेवजी की स्तुति अलग अलग कल्प की अद्भुत कथा, विशल्या की कथा, जालेश्वर की कथा, गौरीव्रत का विवरण, त्रिपुरदाह की कथा, देहपातविधि, कावेरी संगम, दारूतीर्थ, ब्रह्मवर्त ईश्वरकथा, अग्नितीर्थ सूर्यतीर्थ मेघनादादि तीर्थ दारूकतीर्थ देवतीर्थ नर्मदेशतीर्थ कपिलातीर्थ करंजकतीर्थ कुण्डलेशतीर्थ पिप्प्लादितीर्थ विमलेश्वरतीर्थ, शूलभेदनतीर्थ, अलग अलग दानधर्म दीर्घतपा की कथा, ऋष्यश्रंग का उपाख्यान, चित्रसेन की पुण्यमयी कथा, काशिराज का मोक्ष, देवशिला की कथा, शबरीतीर्थ, पवित्र व्याधोपाख्यान, पुष्कणीतीर्थ अर्कतीर्थ आदित्येश्वरतीर्थ, शक्रतीर्थ, करोटितीर्थ, कुमारेश्वरतीर्थ अगस्तेश्वरतीर्थ आनन्देश्वरतीर्थ मातृतीर्थ लोकेश्वर, धनेश्वर मंगलेश्वर तथा कामजतीर्थ नागेश्वरतीर्थ वरणेश्वरतीर्थ दधिस्कन्दादितीर्थ हनुमदीश्वरतीर्थ रामेश्वरतीर्थ सोमेश्वरतीर्थ पिंगलेश्वरतीर्थ ऋणमोक्षेश्वर कपिलेश्वर पूतिकेश्वर, जलेशय, चण्डार्क यमतीर्थ काल्होडीश्वर नन्दिकेश्वर नारायणेश्वर कोटीश्वर व्यासतीर्थ प्रभासतीर्थ संकर्षणतीर्थ प्रश्रेश्वरतीर्थ एरण्डीतीर्थ सुवर्णशिलातीर्थ, करंजतीर्थ, कामरतीर्थ, भाण्डीरतीर्थ, रोहिणीभवतीर्थ चक्रतीर्थ धौतपापतीर्थ आंगिरसतीर्थ कोटितीर्थ अन्योन्यतीर्थ अंगारतीर्थ त्रिलोचनतीर्थ इन्द्रेशतीर्थ कम्बुकेशतीर्थ, सोमतेशतीर्थ, कोहलेशतीर्थ, नर्मदातीर्थ, अर्कतीर्थ, आग्नेयतीर्थ, उत्तमभार्गवेश्वरतीर्थ, ब्राह्मतीर्थ, दैवतीर्थ, मार्गेशतीर्थ, आदिवाराहेश्वर, रामेश्वरतीर्थ, सिद्धेश्वरतीर्थ, अहल्यातीर्थ, कंकटेश्वरतीर्थ, शक्रतीर्थ, सोमतीर्थ, नादेशतीर्थ, कोयेशतीर्थ, रुक्मिणी आदि तीर्थों का विवेचन है। इसके साथ ही नागर खण्ड में भी तीर्थों का वर्णन है प्रभासखण्ड में विभिन्न नामॊं से शिवजी के स्थानों का विवेचन है।
 
== संदर्भसन्दर्भ ==
<references/>