"गायत्री मन्त्र": अवतरणों में अंतर

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*गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी कहा गया है । वेदों से लेकर धर्मशास्त्रों तक समस्त दिव्य ज्ञान गायत्री के बीजाक्षरों का ही विस्तार है । माँ गायत्री का आँचल पकड़ने वाला साधक कभी निराश नहीं हुआ । इस मंत्र के चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं ।
 
==[[गायत्री महामंत्र]]==
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।
==अर्थ / भावार्थ ==
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==External Links==
*[http://www.vatikashaktipeeth.com/ Gayatri Pariwar]
 
[[श्रेणी:हिन्दु धर्म]]